प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। सदी का महापर्व महाकुंभ तीर्थराज प्रयागराज में चल रहा है। संगम के तट पर संत, भक्त, नेता, अभिनेता और बिजनेसमैन आकर त्रिवेणी में डुबकी लगा रहे हैं तो अखाड़ों में भी नए साधुओं की भर्ती की जा रही है। महाकुंभ में बॉलीवुड की अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को विधि-विधान से किन्नर अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया था। जिसको लेकर अखाड़े के अंदर दो फाड़ हो गए थे। शुक्रवार की दोपहर किन्नर अखाडा की तरफ से एक पत्र जारी किया गया। जिसके जरिए बताया गया कि किन्नड़ अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया है। उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। ये कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की है।
ममता कुलकर्णी को बनाया गया था महामंडलेश्वर
बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को कुछ दिन पहले महाकुंभ में विधि-विधान से महामंडलेश्वर बनाया गया था। ममता कुलकर्णी ने अपना पिंडदान किया था और संन्यास अपना लिया था। इसके बाद भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम में उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। उनका नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी रखा गया था। इसको लेकर ममता कुलकर्णी ने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनकी 23 साल की तपस्या को समझा था। उनकी परीक्षा ली गई, जिसमें वो उत्तीर्ण हो गई थीं। उन्हें महामंडलेश्वर बनने का न्यौता मिला था। उन्होंने ये भी कहा था कि वो बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी। अब वो सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर अखाड़े के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था। कुछ लोग सवाल खड़ा कर रहे थे कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया है।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी थी
जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी थी। इसके बाद से अभिनेत्री महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में रह रही हैं। अभिनेत्री सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने के बाद किन्नर अखाड़ा बड़ी आंतरिक उथल-पुथल का सामना कर रहा था। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रुप के संस्थापक ऋषि अजय पिछले दिनों बढ़े तनाव और दरार को दूर करने के लिए कदम उठा रहे थे। पूर्व अभिनेत्री को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करने के निर्णय के बारे में अलग-अलग राय से विवाद उत्पन्न हुआ थे।
किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन होगा
जिसके बाद किन्नर अखाड़ा ने ममता कुलकर्णी के साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से हटा दिया। अजय दास ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन होगा। साथ ही जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा। दरअसल, ममता कुलकर्णी ने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनकी 23 साल की तपस्या को समझा था। उनकी परीक्षा ली गई, जिसमें वो उत्तीर्ण हो गई थीं। उन्हें महामंडलेश्वर बनने का न्यौता मिला था। उन्होंने ये भी कहा था कि वो बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी। अब वो सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। जानकार बताते हैं कि लक्ष्मी नारायण ने ही ममता कुलकर्ण को महाकुंभ बुलाया और उन्हें महामंडलेश्वर की कुर्सी पर बैठाया। जिसका विरोध भी अखाड़े के अंदर हुआ था।
कौन हैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर हैं। 13 दिसंबर 1978 को महाराष्ट्र के ठाणे के ब्राह्मण परिवार में जन्मीं लक्ष्मी ने डांस की प्रफेशनल ट्रेनिंग ली है। उन्होंने भारतनाट्यम में पीजी किया है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और किन्नर समाज को समानता का अधिकार दिलाने के लिए काम करती हैं। उन्होंने ’मी हिजड़ा, मी लक्ष्मी’ नाम से एक किताब भी लिखी है, जो काफी चर्चा में रही थी। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने सलमान खान के टीवी शो बिग बॉस के 5वें सीजन में भी हिस्सा लिया था। वो टीवी शो सच का सामना, दस का दम और राज जैसे शो में दिखी।
किन्नर अखाड़े का गठन किया
13 अक्टूबर 2016 को ऋषि अजयदास ने किन्नर अखाड़े का गठन किया था। उनके अखाड़े को अखाड़ा परिषद ने मान्यता भी नहीं दी थी। 2 मई 2016 को अजयदास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर बनाया था। महामंडलेश्वर बनने के बाद आचार्य लक्ष्मी नारायण ने 5 शहरों से आए किन्नरों को भी पीठाधीश्वर बनाया। उन्होंने कहा था कि महामंडलेश्वर बनने के बाद भी मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी। कोई ढकोसला नहीं करूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें किसी अखाड़े से मान्यता की जरूरत नहीं है। किन्नरों को प्रकृति ने मान्यता दी है।