Mayawati News: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राणा सांगा विवाद से शुरू हुई बहस अब दलित-मुस्लिम राजनीति तक जा पहुंची है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया Mayawati ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि वह PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) अभियान की आड़ में दलितों और मुस्लिमों का शोषण कर रही है। मायावती ने आगाह किया कि दलित, पिछड़े और मुस्लिम समाज सपा के उग्र बहकावे में न आएं। उन्होंने समाजवादी पार्टी की राजनीति को स्वार्थ और विभाजनकारी बताया। वहीं, उन्होंने अपने समाज के नेताओं से अपील की कि वे दूसरों के इतिहास पर टिप्पणी करने के बजाय अपने संतों और महापुरुषों की शिक्षाओं को आगे रखें।
1. विदित है कि अन्य पार्टियों की तरह आएदिन सपा द्वारा भी पार्टी के ख़ासकर दलित लोगों को आगे करके तनाव व हिंसा का माहौल पैदा करने वाले आ रहे इनके अति विवादित बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप व कार्यक्रम आदि का जो दौर चल रहा है यह इनकी घोर संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति ही प्रतीत होती है।
— Mayawati (@Mayawati) April 17, 2025
Mayawati ने कहा, “सपा की अति विवादित बयानबाजी और कार्यक्रमों का दौर उसकी घोर संकीर्ण राजनीति को दर्शाता है। ये लोग सिर्फ वोटों के लिए PDA का इस्तेमाल कर रहे हैं।” मायावती ने यह भी जोड़ा कि समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े दलित नेताओं को इस राजनीति को समझना चाहिए और ऐसे हथकंडों से बचना चाहिए।
3. साथ ही, ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक़ बने हैं।
— Mayawati (@Mayawati) April 17, 2025
राणा सांगा विवाद पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने अप्रत्यक्ष रूप से सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अवसरवादी दलित नेताओं को दूसरों के इतिहास पर टिप्पणी करने के बजाय अपने समाज के संतों, गुरुओं और महापुरुषों की अच्छाइयों व संघर्ष को बताना चाहिए, क्योंकि उन्हीं के कारण आज वे कुछ बनने लायक हुए हैं।
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Mayawati ने दलितों, पिछड़ों और मुस्लिमों को आगाह किया कि वे सपा की राजनीति के शिकार न बनें। उन्होंने सपा पर जनभावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह सब कुछ केवल वोटबैंक की राजनीति के लिए हो रहा है। अंत में उन्होंने अपने समर्थकों को अपील की कि वे समझदारी से निर्णय लें और ऐसे राजनीतिक बहाव में न बहें जो समाज को तोड़ने का काम करता है।