अमित शाह ने अंबेडकर पर दिया बयान तो एक्टिव हुई मायावती, BSP ने बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का किया आह्वान

गृहमंत्री अमित शाह की बाबा साहब अंबेडकर पर टिप्पणी के खिलाफ BSP ने 24 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन का किया आह्वान किया है।

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UP News : गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी ने 24 दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शाह के बयान को लोगों की भावनाओं के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।

बीएसपी के लखनऊ जिला अध्यक्ष शैलेंद्र ने बताया कि 24 दिसंबर को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। यह प्रदर्शन माल एवेन्यू और सरोजनीनगर स्थित बीएसपी कार्यालय पर होगा। प्रदर्शन के बाद, पार्टी की ओर से राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन डीएम कार्यालय में सौंपा जाएगा।

क्या था अमित शाह का बयान ? 

विवाद की शुरुआत 17 दिसंबर को संसद में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से हुई. राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट से बाबा साहब अंबेडकर के इस्तीफे का जिक्र किया. अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में करीब 1 घंटे 7 मिनट पर अमित शाह ने कहा, ”अब अंबेडकर का नाम लेना फैशन हो गया है… अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… अगर लोग इतनी बार भगवान का नाम लेते तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता.”
कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ”हमें गर्व है कि हम अंबेडकर का नाम लेते हैं. आप भी अंबेडकर का नाम सौ बार लेते हैं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था, तब आपका उनके प्रति असली रवैया क्या था.”

मायावती ने कही ये बात

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर दलितों, वंचितों और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक मानवतावादी और कल्याणकारी संविधान के निर्माता थे। उनका अपमान करना लोगों की भावनाओं को आहत करता है। मायावती ने आगे कहा था कि दलितों और बहुजनों को अपने पैरों पर खड़ा होकर आत्म-सम्मान के साथ जीने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ा और इसके लिए बाबा साहब अंबेडकर ने आरक्षण और कई कानूनी अधिकार दिलवाए।

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बाबा साहब के न होने पर उनके अनुयायियों का भला और कल्याण ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है, और बीएसपी इस काम के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस, भाजपा जैसी पार्टियाँ बाबा साहब का दिल से आदर नहीं कर सकतीं, तो कम से कम उनका अनादर न करें। बाबा साहब के संघर्ष के कारण ही एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को संविधान में अधिकार मिले, और यही उनके लिए सात जन्मों तक स्वर्ग पाने के बराबर है।

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