Mayawati Vacate bungalow: बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित अपना सरकारी आवास चुपचाप खाली कर दिया है। यह वही बंगला है, जो उन्हें राष्ट्रीय पार्टी की प्रमुख होने के नाते आवंटित हुआ था। मायावती ने 20 मई को अचानक यह बंगला खाली कर दिया और चाबियां सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) को सौंप दीं। खास बात यह है कि यह बंगला Z+ सुरक्षा में होने के बावजूद भी असुरक्षित माना गया। इसके पास मौजूद एक स्कूल को वजह बताया जा रहा है, जहां रोजाना गाड़ियों की आवाजाही और भीड़ के चलते सुरक्षा एजेंसियों को दिक्कतें हो रही थीं। लेकिन बंगला छोड़ने के इस फैसले से सियासी हलकों में कई कयास लग रहे हैं।
Mayawati ने बिना शोर किए छोड़ा आलीशान बंगला
बसपा सुप्रीमो को फरवरी 2024 में टाइप-VII कैटेगरी का 35, लोधी एस्टेट स्थित बंगला आवंटित किया गया था। यह दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाकों में गिना जाता है। लेकिन ठीक एक साल बाद, मायावती ने यह बंगला खाली कर दिया। पार्टी की ओर से इस कदम को सुरक्षा कारणों से उठाया गया बताया गया है। बंगले के सामने स्कूल होने और वहां लगने वाली भीड़ से सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा था। चूंकि मायावती Z+ सुरक्षा प्राप्त नेता हैं, इसलिए हर बार उनके घर में प्रवेश से पहले बम निरोधक दस्ते को तलाशी लेनी पड़ती थी। इससे स्कूल और अभिभावकों को काफी असुविधा होती थी।
स्कूल बना सुरक्षा में रुकावट?
बताया जा रहा है कि 35, लोधी एस्टेट के पास विद्या भवन महाविद्यालय स्कूल का एक गेट खुलता है। इसी वजह से स्कूल वैन और माता-पिता की गाड़ियां बंगले के सामने सड़क पर खड़ी रहती थीं। सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से सड़क पर अक्सर जाम जैसी स्थिति बनती थी। बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनज़र रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके बाद मायावती ने खुद ही बंगला छोड़ने का निर्णय लिया। यह बंगला BSP के केंद्रीय कार्यालय (29, लोधी एस्टेट) के ठीक पीछे था और दोनों बंगलों का एक जैसा नवीनीकरण भी हुआ था।
सवालों के घेरे में BSP और मायावती
Mayawati के बंगला छोड़ने के फैसले ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। एक वर्ग इसे महज सुरक्षा मसला बता रहा है, तो दूसरा इसे BSP की गिरती राजनीतिक पकड़ से जोड़कर देख रहा है। वहीं पार्टी पदाधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मायावती अगला ठिकाना कहां बनाती हैं और BSP अपनी खोई सियासी जमीन कैसे हासिल करती है। खास बात यह भी है कि हाल ही में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में जोरदार वापसी कराई है और उन्हें चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी है। ऐसे में यह बदलाव रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है।