Mayawati Guest House Kand: बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला है और 1995 के बहुचर्चित स्टेट गेस्ट हाउस कांड को याद दिलाते हुए दो टूक कहा है कि समाजवादी पार्टी को इसके लिए कभी माफ नहीं किया जा सकता। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर मायावती ने सिर्फ सपा ही नहीं, कांग्रेस और बीजेपी को भी दलित विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये तीनों पार्टियां सिर्फ बहुजनों के वोट के लिए छल करती हैं, लेकिन दिल से उनके हितैषी कभी नहीं रही हैं। मायावती ने साफ कहा कि बीएसपी का मकसद बहुजनों को शासक वर्ग बनाना है और इसमें कोई भी पार्टी ईमानदारी से साथ नहीं है।
2. सपा द्वारा बीएसपी से विश्वासघात, उसके नेतृत्व पर 2 जून को जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नये जिले, पार्क, शिक्षण व मेडिकल कालेजों का नाम बदलना आदि ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं जिसको माफ करना असंभव।
— Mayawati (@Mayawati) April 20, 2025
स्टेट गेस्ट हाउस कांड पर फिर गरजीं मायावती
Mayawati ने दो जून 1995 के गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ न केवल विश्वासघात किया, बल्कि पार्टी नेतृत्व पर जानलेवा हमला करवाया। उन्होंने कहा कि ये घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत हमला नहीं था, बल्कि दलित नेतृत्व को कुचलने की सोची-समझी साजिश थी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। भले ही 2019 में राजनीतिक मजबूरी में सपा के साथ गठबंधन किया गया, लेकिन अब एक बार फिर मायावती ने कहा है कि यह क्षमा योग्य अपराध नहीं है।
4. स्पष्ट है कि कांग्रेस व भाजपा आदि की तरह ही सपा भी अपनी नीयित व नीति में खोट/द्वेष के कारण कभी भी दलितों-बहुजनों की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती है, किन्तु इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर लगातार छलावा करती रहेगी, जबकि बीएसपी ’बहुजन समाज’ को शासक वर्ग बनाने को समर्पित व संघर्षरत।
— Mayawati (@Mayawati) April 20, 2025
सपा-कांग्रेस-बीजेपी तीनों दलित विरोधी: मायावती
Mayawati ने आरोप लगाया कि सपा भी कांग्रेस और भाजपा की तरह बहुजन समाज को उसके संवैधानिक अधिकार नहीं देना चाहती। उन्होंने लिखा, “इन पार्टियों की नीयत में खोट है। ये दलितों की गरीबी, जातिगत उत्पीड़न और शोषण को मिटाने के लिए कभी ईमानदार नहीं हो सकतीं।” मायावती ने आरोप लगाया कि सपा ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया, संसद में बिल फाड़ा, दलित संतों और गुरुओं के नाम पर बने कॉलेजों और संस्थानों के नाम बदल दिए। ये सब जातिवादी सोच की मिसालें हैं।
बीएसपी का मिशन नहीं रुकेगा
बसपा सुप्रीमो Mayawati ने कहा कि बीएसपी जातिवादी व्यवस्था को खत्म कर समतामूलक समाज बनाने में लगी हुई है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने समाज में भाईचारा बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है और यह संघर्ष जारी रहेगा। मायावती ने चेतावनी दी कि सपा जैसी पार्टियां अपने संकीर्ण स्वार्थों के चलते इस सामाजिक मिशन को नुकसान पहुंचाने में लगी हैं, इसलिए जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
मायावती की इस पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। लोकसभा चुनावों से पहले दलित वोट बैंक को लेकर सियासी जंग तेज होती नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि सपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है, क्योंकि गेस्ट हाउस कांड जैसे मुद्दे हमेशा से दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट का बड़ा कारण रहे हैं।