2021 के बाद मायावती की मेगा एंट्री! कांशीराम पुण्यतिथि पर लखनऊ में दिखेगी BSP की ताकत, सतीश चंद्र मिश्र संभालेंगे कमान

बसपा सुप्रीमो मायावती 2021 के बाद पहली बार 9 अक्तूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बड़ी रैली करेंगी। तैयारियों की कमान सतीश चंद्र मिश्र को सौंपी गई है। रैली से पार्टी संगठन को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।

Mayawati

Mayawati Rally: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर बड़े राजनीतिक मंच से अपनी ताकत दिखाने जा रही हैं। साल 2021 के बाद पहली बार मायावती 9 अक्तूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में विशाल रैली करेंगी। इस रैली को पार्टी के लिए नई ऊर्जा का स्रोत माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लगातार कमजोर होते संगठन और घटते जनाधार के बीच यह रैली मायावती के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का बड़ा मौका होगी। इसके लिए उन्होंने 10 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जिसकी कमान राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि इस रैली से बसपा आने वाले चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को जोश दिलाने का काम करेगी।

बसपा सुप्रीमो मायावती आगामी 9 अक्तूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर बड़ी रैली करने जा रही हैं। यह रैली मायावती की 2021 के बाद पहली बड़ी राजनीतिक रैली होगी। पार्टी का मानना है कि इस रैली से संगठन को मजबूती मिलेगी और जनता के बीच पार्टी की सक्रियता का संदेश जाएगा।

रैली की तैयारियों के लिए Mayawati ने 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसकी कमान राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी गई है। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, मेवालाल गौतम, राम औतार मित्तल, धनश्याम खरवार, मुनकाद अली, नौशाद अली, अखिलेश अंबेडकर, शैलेंद्र गौतम और गिरीश जाटाव शामिल किए गए हैं। इसके अलावा लखनऊ जिला यूनिट को भी पूरी ताकत से तैयारी में लगाया गया है।

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उत्तर प्रदेश में बसपा लगातार कमजोर हुई है। कई नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं और जनाधार में भी गिरावट आई है। अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए मायावती इस रैली को बड़ा संदेश बनाने की तैयारी में हैं। बसपा चाहती है कि प्रदेशभर से लाखों कार्यकर्ता और समर्थक लखनऊ पहुंचकर पार्टी की शक्ति प्रदर्शन करें।

इसी बीच पार्टी संगठन में भी फेरबदल किया गया है। Mayawati ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में वापसी के बाद केंद्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया है और उन्हें छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और गुजरात की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले यह जिम्मेदारी रणधीर सिंह बेनीवाल के पास थी। अब बेनीवाल को डॉ. लालजी मेधांकर के पास रहे केंद्रीय सेक्टर चार का प्रभारी बनाया गया है, जबकि मेधांकर सेक्टर पांच देखेंगे और अतर सिंह राव को सेक्टर छह की जिम्मेदारी दी गई है। सेक्टर एक के प्रभारी पूर्व सांसद रामजी गौतम और सेक्टर दो के प्रभारी पूर्व सांसद राजाराम को यथावत रखा गया है।

इस बड़े राजनीतिक आयोजन से बसपा का मकसद साफ है—Mayawati एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना चाहती हैं और आने वाले चुनावी समर के लिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं।

 

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