Meerut Bhuni Toll Plaza: उत्तर प्रदेश के मेरठ में रविवार रात भूनी टोल प्लाजा पर भारतीय सेना के जवान कपिल सिंह के साथ मारपीट की घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी। मेरठ के गोटका गांव के निवासी और श्रीनगर में तैनात कपिल सिंह छुट्टी पर अपने घर आए थे। फ्लाइट के लिए दिल्ली जा रहे कपिल और उनके चचेरे भाई शिवम पर टोल कर्मचारियों ने हिंसक हमला किया। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया। सोमवार को सैकड़ों ग्रामीण गोटका गांव से भूनी टोल प्लाजा पहुंचे और जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना की जांच और आरोपियों की पहचान जारी है, जबकि घायल जवानों का उपचार चल रहा है।
घटना का पूरा विवरण
घटना Meerut -करनाल हाईवे पर स्थित भूनी टोल प्लाजा पर रविवार रात लगभग 8 बजे हुई। कपिल सिंह ने बताया कि टोल पर लंबी कतार लगी थी और फ्लाइट के लिए देर होने की वजह से उन्होंने कर्मचारियों से जल्दी निकलने की अनुमति मांगी। सेना का आईडी कार्ड दिखाने के बावजूद टोल कर्मचारियों ने उनकी बात नहीं मानी और विवाद बढ़ गया। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि 8-10 कर्मचारी कपिल और उनके चचेरे भाई को लाठी-डंडों से मारते हुए गालियां दे रहे हैं। इस दौरान उनके आईडी कार्ड और मोबाइल भी छीन लिए गए। कपिल और शिवम दोनों गंभीर रूप से घायल हुए।
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ग्रामीणों का गुस्सा और पुलिस की कार्रवाई
Meerut घटना की खबर फैलते ही सोमवार को गोटका गांव के सैकड़ों ग्रामीण भूनी टोल प्लाजा पर पहुंचे। उन्होंने जमकर हंगामा किया, टोल पर तोड़फोड़ की और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी फोर्स तैनात किया। मेरठ पुलिस कप्तान विपिन टाडा ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी संलिप्त लोगों की तलाश जारी है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
Meerut घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। लोग #JusticeForArmyJawan और #MeerutTollPlaza हैशटैग के साथ प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों ने सवाल उठाया कि जब देश की रक्षा करने वाले सैनिक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।
कपिल और शिवम को गंभीर चोटें आई हैं और दोनों का उपचार नजदीकी सीएचसी में चल रहा है। पुलिस दोनों पक्षों की तहरीर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। यह घटना मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई है और टोल कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं।