Meerut Police: सिपाही-दरोगा फरमा रहे थे आराम, तभी पहुंचे अधिकारी और फिर हुआ ये

मेरठ पुलिस की जिम्मेदारी पर सवाल उठे हैं, जब एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा के चेकिंग अभियान में ड्यूटी के दौरान 10 पुलिसकर्मी सोते हुए मिले। सुबह 3 से 8 बजे तक चले इस अभियान में लापरवाही उजागर होने पर सभी को निलंबित कर दिया गया, जिससे पुलिस की सतर्कता पर बहस शुरू हो गई है।

Meerut

Meerut Police: मेरठ पुलिस की जिम्मेदारी और सतर्कता पर सवाल उठे हैं, जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. विपिन ताड़ा ने अचानक चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान में सुबह 3 से 8 बजे के बीच PRV (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) की चार गाड़ियों में 10 पुलिसकर्मी सोते हुए पाए गए। इन पुलिसकर्मियों में दो दरोगा और आठ अन्य शामिल थे। एसएसपी ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सभी को निलंबित कर दिया। यह चेकिंग अभियान न केवल पुलिसकर्मियों की सतर्कता की कमी को उजागर करता है, बल्कि अपराधियों को रोकने के प्रति पुलिस की तत्परता पर भी सवाल खड़े करता है।

चेकिंग में मिली बड़ी खामियां

Meerut  एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने पुलिस की कार्यशैली को परखने के लिए यह आकस्मिक निरीक्षण किया। चेकिंग के दौरान कई PRV गाड़ियां अपनी निर्धारित जगह से हटकर खड़ी पाई गईं, जबकि कुछ पुलिसकर्मी गाड़ियों में सो रहे थे। इन गाड़ियों में तैनात पुलिसकर्मियों को फौरन निलंबित कर दिया गया। इन पुलिसकर्मियों में इंचौली, लालकुर्ती, फलावदा, और गंगानगर थानों के कर्मचारी शामिल थे।

कौन-कौन हुए निलंबित?

चेकिंग के बाद निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में इंचौली थाने से दरोगा सत्यप्रकाश और मुख्य आरक्षी प्रवीण कुमार, लालकुर्ती थाने से दरोगा अर्जुन सिंह, मुख्य आरक्षी खुर्शीद, महिला आरक्षी रेखा, फलावदा से मुख्य आरक्षी सुखपाल और आरक्षी विशाल चौधरी, और गंगानगर से मुख्य आरक्षी रियाज अली का नाम शामिल है।

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत अपराध रोकने के लिए काम कर रही है। सर्दियों के मौसम में बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन मेरठ पुलिस की यह लापरवाही इन निर्देशों के विपरीत नजर आई।

Meerut पुलिस कप्तान की सख्त कार्रवाई

Meerut  एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा, “पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते, उन पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन जब पुलिस अच्छा काम करती है, तो उसे सम्मानित भी किया जाता है।”

इस घटना ने पुलिसकर्मियों के प्रति निगरानी और जिम्मेदारी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के चेकिंग अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे।

यहां पढ़ें: नकली लाइसेंस से का चल रहा था बिजनेस, फर्जी ऐप के खुलासे से परिवहन विभाग को लगा झटका
Exit mobile version