लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली मुस्कान अब जेल में रहकर एलएलबी की पढ़ाई करेगी। डिग्री मिलने के बाद कातिल क्वीन अपने मुकदमे की जिरह अदालत में खुद करेगी। पिछले 76 दिनों से जेल में बंद मुस्कान ने जेल प्रशासन से एलएलबी की पढ़ाई को लेकर जानकारी मांगी है। मुस्कान का कहना है कि उसका केस शायद कोई सही से न लड़े, इसलिए वह खुद अदालत में अपनी पैरवी करना चाहती है।
दरअसल, मेरठ की रहने वाली मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पति सौरभ राजपूत की चाकू से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। कातिल हसीना ने पति के शव के कई टुकड़े किए और उन्हें नीले ड्रम के अंदर डालकर सीमेंट से सुनवा दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद मुस्कान अपने प्रेमी के साथ भागकर हिमाचल प्रदेश चली गई। वहां उसने साहिल के साथ शादी भी कर ली। कुछ दिन के बाद मुस्कान खुद पुलिस में जाकर सरेंडर कर दिया था। पिछले 76 दिनों से वह मेरठ की जेल में बंद हैं।
जेल में बंद मुस्कान से मिलने के लिए फिलहाल कोई नहीं आया। मुस्कान को सरकार की तरफ से एक वकील मुहैया कराया गया है। ऐसे में मुस्कान को लगता है कि शाएद उसके केस की पैरवी ठीक तरह से न हो। इसी के चलते उसने जेल प्रशासन से एलएलबी किए जानें को लेकर जानकारी मांगी है। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुस्कान ने एलएलबी की पढ़ाई के संबंध में जानकारी मांगी है और पत्र लिखकर इच्छा जताई है कि वह भविष्य में वकील बनना चाहती है।
जेल के वरिष्ठ अधीक्षक ने बताया कि, जेल प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि क्या किसी बंदी को इस स्तर की शिक्षा की सुविधा दी जा सकती है। जेल में इग्नू के माध्यम से हाईस्कूल से इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था पहले से मौजूद है, लेकिन एलएलबी की पढ़ाई के लिए क्या विकल्प उपलब्ध हैं, इस पर मंथन किया जा रहा है। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक ने बताया कि मुस्कान से अब तक उसके परिवार का कोई सदस्य मिलने नहीं आया है। वहीं सह-आरोपी साहिल से उसकी नानी और भाई मुलाकात कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, साहिल के परिजन एक वकील की व्यवस्था कर रहे हैं, जबकि मुस्कान के पास फिलहाल केवल एक सरकारी वकील ही मौजूद है। मुस्कान की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो परिजनों के अनुसार उसने अभी तक केवल 9वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है। ऐसे में यदि वह एलएलबी करना चाहती है, तो उसे सबसे पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करनी होगी। जेल में कक्षा दसवीं-बारवीं की पढ़ाई की व्यवस्था था। बंदी स्नातक की भी पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन जेल के अंदर एलएलबी की पढ़ाई नहीं होती।