Mohit Yadav caste discrimination : झांसी के निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर मोहित यादव ने हाल ही में ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने अपने घर के सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां और पूजा की सारी चीजें शहर के इलाइट चौराहे पर रख दीं और खुलेआम हिंदू धर्म छोड़ने का ऐलान कर दिया। मोहित का कहना है कि उन्हें लगातार जातिवाद का शिकार बनाया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया।
जातिवाद से परेशान होकर छोड़ा धर्म
मोहित यादव का कहना है कि वो पिछले तीन महीनों से मानसिक रूप से बहुत परेशान चल रहे थे। उन्होंने कहा, मैंने हिंदू धर्म इसलिए छोड़ा क्योंकि इसमें जातिवाद हावी है। यहां इंसान की काबिलियत से ज्यादा उसकी जाति देखी जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जानबूझकर केस दर्ज किए गए, कई बार जांच शुरू की गई और आखिरकार उन्हें निलंबित कर दिया गया। उनके मुताबिक, ये सब सिर्फ उनकी जाति की वजह से किया गया।
चाय बेचकर किया था विरोध
इससे पहले भी मोहित यादव ने अपना विरोध जताने के लिए अनोखा तरीका अपनाया था। कुछ समय पहले, उन्होंने झांसी के इलाइट चौराहे पर चाय की दुकान लगाई थी। उन्होंने कहा था कि जब पुलिस विभाग में ही उनके साथ न्याय नहीं हो रहा, तो वो चाय बेचकर अपना गुजारा करेंगे। मोहित ने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस विभाग में ऊंची जाति के अधिकारी उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उन्हें हर हाल में फंसाना चाहते हैं।
पहले भी विवादों में रहा करियर
मोहित यादव का करियर पहले भी विवादों में रहा है। कुछ समय पहले, उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन इसको लेकर उनका अपने ही विभाग के प्रतिसार निरीक्षक से विवाद हो गया था। इसके बाद उनके खिलाफ झांसी के नवाबाद थाने में केस दर्ज कर लिया गया। इस मामले की जांच अभी भी जारी है, और उन पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आनी बाकी है।
समाज में उठ रहे सवाल
मोहित यादव के इस कदम ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आज भी हमारे समाज में जातिवाद इतना गहरा है कि एक इंसान को मजबूर होकर अपना धर्म छोड़ना पड़ता है? क्या सरकारी विभागों में जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है? मोहित का दावा कितना सही है, इसका जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन उनकी कहानी ने जरूर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।उनका कहना है कि उनकी जाति की वजह से उन्हें निलंबित किया गया और लगातार परेशान किया जा रहा है।