आगामी लोकसभा चुनाव के पहले माना जा रहा है कि केंद्र सरकार में एक बड़ा मंत्रीमंडल विस्तार होने जा रहा है जिसमें साफ़ तौर पे 80 लोकसभा सीट वाली उत्तर प्रदेश की मज़बूत झलक देखने को मिलेगी।
सूत्रों की मानें तो इस बार एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी के 9 सफल साल होने पर जनसंपर्क अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय नेतृत्व में एक बड़ा बदलाव भी होने जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले मोदी केबिनेट में एक बड़ा और अहम विस्तार होने जा रहा है। जिसमें इस बार उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आगामी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी मद्देनज़र रखते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी कई चेहरे मोदी कैबिनेट में जगह बना सकते हैं।
टीम में शामिल होने के लिए जारी है जोड़-तोड़ कोशिश
सूत्रों से पता चला है कि ये बदलाव इसी महीने हो सकता है। इस महीने केंद्रीय मंत्रीमंडल में एक बड़ा और अहम बदलाव संभव है। टीम में शामिल होने के लिए लगातार कई सांसद इस समय जोड़-तोड़ की कोशिश में जुट गए हैं। मगर माना जा रहा है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने पर ज़ोर देते हुए नज़र आए।
आपको बता दें कि इस बार मोदी कैबिनेट में सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करते हुए क्या-क्या करे कई दलित चेहरों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जिनके नाम आते हैं उन में ये शाहजहापुर के सांसद अरुण कुमार सागर ,बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ,गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा का नाम रेस में सबसे आगे हैं। यही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी जाटलैंड से आने वाले एक जाट नेता को भी जल्द ही मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।
इन बदलाव का कितना असर दिखेगा लोकसभा चुनाव में
वहीं अगर हम बात करें भाजपा की केन्द्रीय टीम में भी उत्तर प्रदेश से कई महत्वपूर्ण लोगों को जगह मिल सकती है। टीम नड्डा में शामिल होने वालों में पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, सिद्धार्थनाथ सिंह के नाम प्रमुखता से चल रहे हैं।
टीम मोदी और टीम नड्डा में इस बार के होने वाले बदलाव की बात करेंगे तो लोकसभा से पहले होने वाले राज्यों के विधानसभा में सीट के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को अहमियत मिलते देखा जा सकता है। देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इन बदलाव का कितना असर लोकसभा चुनाव में दिखेगा ।