Mujahideen Army News: देश को दहशत के माहौल में झोंकने की साजिश रचने वाले मुजाहिदीन आर्मी के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। एटीएस ने फतेहपुर निवासी सरगना मोहम्मद रजा को केरल से गिरफ्तार किया, जो पूरे देश में हिंसा फैलाने की योजना पर काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसने कई राज्यों में 300 से अधिक युवकों को जोड़कर “Mujahideen Army” के नाम से संगठन खड़ा किया था। इन युवकों में बीटेक, एमबीए और अन्य उच्च शिक्षित लोग शामिल थे जिन्हें रजा ने भड़काऊ वीडियो और कट्टरपंथी विचारधारा के जरिये अपने मिशन से जोड़ लिया था। एटीएस ने उसके पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल और डायरी जब्त की है, जिनसे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है।
देश में खून-खराबे की थी बड़ी साजिश
एटीएस के अनुसार, मोहम्मद रजा का मकसद देशभर में हिंसा फैलाना और धार्मिक उन्माद पैदा करना था। उसने न सिर्फ युवाओं को बहकाया, बल्कि “मुजाहिदीन आर्मी” के नाम से एक संगठित ग्रुप बनाकर इसे कई प्रदेशों में फैला दिया। रजा हिंदू धर्मगुरुओं और प्रमुख धार्मिक नेताओं पर हमले की साजिश रच रहा था। एटीएस की गहन पूछताछ में पता चला कि वह गुप्त रूप से भड़काऊ वीडियो साझा कर युवाओं का ब्रेनवॉश करता था और उन्हें देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार करता था।
उच्च शिक्षित युवाओं को बनाया मोहरा
रजा ने तकनीकी रूप से कुशल और शिक्षित युवाओं को अपनी मुहिम से जोड़ा ताकि उसकी गतिविधियों पर किसी को शक न हो। बीटेक, एमबीए और अन्य विषयों में निपुण युवकों को वीडियो और ऑनलाइन मीटिंग्स के जरिए कट्टरपंथ की ओर मोड़ा गया। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, मुजाहिदीन आर्मी की शुरुआत केरल से हुई थी, जहां से यह नेटवर्क धीरे-धीरे अन्य राज्यों तक फैल गया।
विदेशी फंडिंग की जांच में जुटी एटीएस
गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों की जांच में एटीएस को कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं। कई खातों में हर दूसरे-तीसरे दिन अलग-अलग नामों से रकम ट्रांसफर की जा रही थी। इससे यह शक गहराया है कि इस संगठन को विदेशी फंडिंग भी मिल रही थी। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने आरोपियों के मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट किए गए कई वीडियो और दस्तावेज रिकवर किए हैं। एटीएस का दावा है कि रिमांड पर पूछताछ में और भी चौंकाने वाले खुलासे होंगे।
देशव्यापी नेटवर्क के पीछे बड़ा प्लान
मोहम्मद रजा का Mujahideen Army नेटवर्क देश के कई राज्यों में सक्रिय बताया जा रहा है। एटीएस को आशंका है कि उसके इशारे पर कई और युवक इस मिशन में शामिल हैं। एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि रजा का संबंध किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन से तो नहीं था। फिलहाल एटीएस ने इसे एक बड़ी सफलता बताया है और कहा है कि समय रहते साजिश का पर्दाफाश कर देश को बड़ी तबाही से बचा लिया गया।



