लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। ‘बैटल ऑफ मऊ’ को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी सियासी सेनाएं तैयार कर ली हैं। चुनाव की डुगडुगी बजते ही सियासत के महारथी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के गढ़ मऊ में हुंकार भरते हुए नजर आएंगे। ‘बड़ा फाटक’ भी खुल गया है और अंसारी परिवार ने कई बैठकें कर चुनाव मऊ सीट से चुनावी अखाड़े के लिए उम्मीदवार का चयन भी कर लिया है। चुनावी आहट के बीच बड़ा फाटक के लिए बुरी खबर सामने आई। मऊ सीट से सपा के भावी कैंडीडेट उमर अंसारी को पुलिस ने लखनऊ से दबोच लिया। खबर सामने आई तो अंसारी परिवार दहशत में आ गया। अंसारी परिवार के गाड़ियों का काफिला सड़कों पर दौड़ना शुरू कर दिया। परिवार की तरफ से बयान आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
एक वक्त पूर्वांचल में सिर्फ एक ही नाम चलता था। तीन दशक से ज्यादा समय तक गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के बड़े फाटक की तूती यूपी से लेकर बिहार तक बोलती थी। बड़ा फाटक से जो फरमान जारी होता, उसे हर एक को मानना पड़ता। जिसने भी बड़ा फाटक के हुक्म को मानने से इंकार किया, उसे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गोलियां का शिकार होना पड़ता। समय बदला और यूपी में निजाम। फिर क्या था मुख्तार एंड फैमिली के बुरे दिन शुरू हो गए। जेल से मुख्तार का जनाजा निकला। बड़ा बेटा अब्बास और बहू सलाखों के पीछे भेजे गए। अफजाल भी जेल गए। मुख्तार की पत्नी भी 50 हजार की इनामिया अपराधी घोषित हुई। अब फिर से पुलिस का बड़ा एक्शन अंसारी परिवार पर हुआ है। अपने पिता की सियासी कुर्सी पर बैठने की तैयारी में जुटे उमर अंसारी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। उमर की गिरफ्तारी लखनऊ में हुई है। उन्हें गाजीपुर पुलिस ने पकड़ा है।
अब हम आपको बताते हैं किस वजह से पुलिस ने उमर को अरेस्ट किया। उमर अंसारी किस प्लान पर काम कर रहे थे। तो चलिए पहले जानने हैं उमर अंसारी की गिरफ्तारी के बारे में। दरअसल, गाजीपुर पुलिस ने शनिवार को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। उमर को लखनऊ के दारुलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस टीम उन्हें गाज़ीपुर लेकर आई है। उमर अंसारी के खिलाफ गाज़ीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में गाजीपुर पुलिस को एक गंभीर अनियमितता की जानकारी मिली, जिसके अनुसार उमर अंसारी ने यूपी गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत जब्त संपत्ति को छुड़वाने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की थी। ये संपत्ति उनके पिता और गैंगस्टर एक्ट के तहत मृत घोषित पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से संबंधित थी।
याचिका के साथ जो दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किया गया, उसमें उमर अंसारी ने अपनी मां अफशा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज प्रस्तुत किया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि हस्ताक्षर वास्तव में अफशा अंसारी के नहीं थे। इसके बाद गाज़ीपुर पुलिस ने उमर अंसारी पर जानबूझकर फर्जी दस्तावेज बनाने और न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया। गाजीपुर पुलिस के अनुसार, उमर अंसारी ने ये कार्य सोची-समझी रणनीति“ के तहत अवैध लाभ उठाने की नीयत से किया था। इस पूरे मामले में उमर अंसारी के साथ-साथ वकील लियाकत अली को भी नामजद किया गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अपराध संख्या 245/2025 दर्ज की गई है, जिसमें धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत कार्रवाई की जा रही है। गाजीपुर पुलिस उमर को थाने पर रखा हुआ है। पुलिस उमर को कोर्ट में पेश कर सकती है। इनसब के बीच उमर की यह गिरफ्तारी कई राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
उमर अंसारी की गिरफ्तारी को लेकर उनके भाई अब्बास अंसारी ने एक एक्स पोस्ट में बताया, रात्रि 10ः40 पर हमारे छोटे भाई उमर अंसारी को दारुल शिफ़ा स्थित आवास से कुछ पुलिसकर्मी उन्हें अपने साथ ले गये हैं। अब्बास ने कहा कि सिर्फ राजनीति के चलते पुलिस ने ये कदम उठाया। जबकि अफजाल अंसारी की तरफ से कहा गया है कि अब्बास की विधायकी का मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं। मऊ में चुनाव की आहट है। इन्हीं सब वजहों के चलते पुलिस ने उमर को अरेस्ट कर लिया है। इस बीच सोशल मीडिया पर उमर की गिरफ्तारी के बाद लोग अपने-अपने कमेंट लिख रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा कि चच्चा ने अंसारी को गच्चा दे दिया। बृजेश सिंह का जलवा बरकरार है। एक यूजर्स ने लिखा कि एक नेता जी ने बृजेश सिंह के लिए सियासी जमीन क्लियर कर दी है।