समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज 8 बजकर 16 मिनट पर निधन हो गया है। नेताजी ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। एक और जहां सभी सियासी दल शोक में डूबे है। वहीं दूसरी और एक अद्धभुत बात सामने आई है। दरअसल इसी शहर के इसी अस्पताल में ठीक 93 दिन पहले मुलायम की पत्नी साधना गुप्ता ने भी अपनी आखिरी सांस ली थी।साधना गुप्ता मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी तो वहीं प्रतीक यादव की मां और बीजेपी नेता अपर्णा यादव की सास थी।
साल 2003 में हुआ था पहली पत्नी मालती का निधन
दरअसल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया था। वह अखिलेश यादव की मां थी। उनके निधन के कुछ दिन बाद ही सपा नेता दूसरी शादी कर ली। बता दें कि साधना गुप्ता मुलायम यादव से छोटी थी। वह इटावा के बिधुना तहसील की रहने वाली थीं।
इससे पहले साधना गुप्ता की शादी 4 जुलाई 1986 में फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। साधना गुप्ता ने 7 जुलाई 1987 को एक बेटे को जन्म दिया। जिसका नाम प्रतीक यादव रखा गया। लेकिन बेटे के जन्म के दो साल बाद ही साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे। फिर साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो यानी मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मां जिसका नाम मूर्ति देवी था वह काफी बीमार रहती थीं। उस दौरान साधना गुप्ता लखनऊ के एक नर्सिंग होम और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज ट्रेनिंग कर रहीं थी। इस दौरान साधना गुप्ता ने मूर्ति देवी का काफी ख्याल रखा था।
साधना गुप्ता से ऐसे बढ़ा लगाव
एक दिन जब नर्स अस्पताल में मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने वाली थी उस वक्त एक ट्रेनी नर्स यानी साधना गुप्ता ने उसे रोक दिया। जिससे और मुलायम की मां की जान बच गई। ये सब देखकर मुलायम सिंह साधना गुप्ता से प्रभावित हुए। इसी घटना ने इन्हें एक दुसरे के करीब ला दिया।
2003 में जब मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ तो उन्होंने 23 मई 2003 को साधना से दूसरी शादी की। साधना गुप्ता ने एक बेटे को जन्म दिया। जिसका नाम प्रतीक रखा गया। हालांकि प्रतीक गुप्ता यादव राजनीति से दूर हैं को वहीं उनकी पत्नी अपर्णा बिष्ट यादव राजनीति में खासी सक्रिय हैं।
बहू अपर्णा यादव ने 2017 में सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तो वहीं इसी साल सूबे में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपर्णा यादव ने खेमा बदल लिया था। उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।