KK Muhammad News: भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक के.के. मुहम्मद ने देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों को महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से मथुरा की ईदगाह मस्जिद और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (जो काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा है) को हिंदुओं को स्वेच्छा से सौंप देने का आग्रह किया है। मुहम्मद के अनुसार, ये दोनों स्थान हिंदुओं के लिए उतने ही पवित्र और पूजनीय हैं, जितने मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना हैं।
हालांकि, उन्होंने हिंदू समुदाय को भी आगाह किया है। उन्होंने सलाह दी है कि इन तीन प्रमुख स्थानों (अयोध्या, काशी, मथुरा) के अलावा देश के बाकी हिस्सों में अन्य धार्मिक स्थलों पर दावे नहीं करने चाहिए, क्योंकि दावों की लंबी सूची से समस्या सुलझने के बजाय संघर्ष और बढ़ेगा। मुहम्मद ने अयोध्या विवाद को वामपंथी विचारधारा और एक कम्युनिस्ट इतिहासकार के झूठे प्रचार की देन बताया है, जिसने मुस्लिम समुदाय को यह विश्वास दिलाया कि मस्जिद के नीचे मंदिर के कोई अवशेष नहीं मिले।
अयोध्या विवाद वामपंथी प्रोपेगैंडा की देन, काशी-मथुरा पर मुहम्मद की दोतरफा सलाह
लखनऊ: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक केके मुहम्मद ने देश के मौजूदा मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर एक संतुलित और दोतरफा सलाह पेश की है, जो दोनों समुदायों के लिए शांतिपूर्ण समाधान का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करती है।
मुसलमानों से काशी और मथुरा सौंपने का आग्रह
KK Muhammad ने मुस्लिम समुदाय से मथुरा की ईदगाह और वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (काशी) को हिंदू समुदाय को स्वेच्छा से सौंप देने की अपील की है।
तुलना: उन्होंने इन दोनों स्थानों को हिंदुओं के लिए मक्का और मदीना जितना ही पवित्र बताया है।
दलील: उनका मानना है कि जिस प्रकार राम जन्मभूमि का स्थान हिंदुओं के लिए सर्वोपरि है, उसी प्रकार काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि से सटी ईदगाह भी हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
समाधान: मुहम्मद का तर्क है कि मुस्लिम समुदाय के इस सद्भावपूर्ण कदम से देश में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति स्थापित होगी।
हिंदुओं को नई मांग न उठाने की चेतावनी
साथ ही, KK Muhammad ने हिंदू समुदाय को भी स्पष्ट सलाह दी है कि उन्हें अयोध्या, काशी और मथुरा—इन तीन प्रमुख स्थानों के अलावा देश के किसी भी अन्य धार्मिक स्थल पर कोई नई मांग नहीं उठानी चाहिए।
चेतावनी: उन्होंने कहा कि दावों की लंबी सूची तैयार करने से समस्या हल होने के बजाय संघर्ष और बढ़ेगा।
आवश्यकता: उनका मानना है कि दोनों पक्षों को बहुत सावधान रहना चाहिए और विवादों को यहीं विराम देना चाहिए।
अयोध्या विवाद पर वामपंथी प्रोपेगैंडा का आरोप
मुहम्मद ने अयोध्या विवाद को लेकर वामपंथी विचारधारा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रोपेगैंडा: उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद वामपंथी प्रोपेगैंडा की देन था।
झूठा इतिहासकार: उन्होंने बताया कि विवाद एक कम्युनिस्ट इतिहासकार के प्रभाव की वजह से बढ़ा, जिसने मुस्लिम समुदाय को यह झूठा विश्वास दिलाया कि प्रो. बीबी लाल के नेतृत्व में हुई खुदाई में बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के अस्तित्व का कोई पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिला।
साइट का दौरा नहीं: मुहम्मद ने, जो 1976 में प्रो. लाल की टीम के साथ खुदाई से जुड़े थे, स्पष्ट किया कि यह इतिहासकार न तो पुरातत्वविद् था और न ही उसने कभी खुदाई स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि शुरू में अधिकांश मुस्लिम समुदाय मंदिर बनने देने को तैयार था, लेकिन इस झूठे प्रचार के बाद उनके पास विरोध करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
ताजमहल पर दावे को बताया झूठा
KK Muhammad ने कुछ हिंदू संगठनों द्वारा आगरा के ताजमहल पर किए जा रहे दावों को भी पूरी तरह से झूठा बताया है। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह जगह मूल रूप से राजा मान सिंह का महल थी, जो बाद में जय सिंह को और फिर शाहजहां को हस्तांतरित हुई। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित दस्तावेज बीकानेर और जयपुर संग्रहालयों में आज भी मौजूद हैं। उन्होंने इन दावों को कट्टर हिंदू समूहों द्वारा हर चीज पर अपना दावा करने की एक और कोशिश करार दिया।



