Rakesh Tikait turban falling incident: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए गए बयान के चलते किसान नेता Rakesh Tikait को आज मुजफ्फरनगर में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय हिंदू संगठनों ने टिकैत की उपस्थिति पर आपत्ति जताते हुए विरोध-प्रदर्शन किया, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी में बदल गया। इस हंगामे में टिकैत की पगड़ी गिर गई और उन पर लाठी से वार करने की कोशिश भी हुई। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को काबू में करते हुए टिकैत को सुरक्षित बाहर निकाला। घटना के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं और मामला राजनीतिक व सांप्रदायिक रंग लेने लगा है।
यूपी : मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत का विरोध, धक्का–मुक्की, पगड़ी सिर से गिरी। सिर पर लाठी मारने का भी आरोप है। पुलिस ने टिकैत को सुरक्षित निकाला। दरअसल, आज पहलगाम हमले के विरोध में शहर बंद था। हिंदू संगठनों ने जुलूस निकाला। फिर सभा हुई। यहां टिकैत पहुंचे तो विरोध हुआ।… pic.twitter.com/paSNmXCy6I
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 2, 2025
बयान से मचा बवाल, सभा में हंगामा
शहर में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा बंद और जुलूस का आयोजन किया गया था। इसी कार्यक्रम में राकेश टिकैत भी पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही लोगों को उनकी मौजूदगी का पता चला, कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। आरोप है कि टिकैत ने कुछ दिन पहले कहा था, “चोर पाकिस्तान में नहीं, यहीं हैं।” इस बयान को हिंदू संगठनों ने राष्ट्रविरोधी बताया और नारेबाजी शुरू कर दी।
सभा में अचानक तनाव बढ़ा और प्रदर्शनकारियों ने टिकैत को घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उन पर लाठी चलाने की कोशिश की गई और धक्का-मुक्की में उनकी पगड़ी भी गिर गई।
पुलिस ने निकाला सुरक्षित, सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
पुलिस ने हालात बिगड़ते देख तुरंत हस्तक्षेप किया और Rakesh Tikait को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शहर में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया दो गुटों में बंट गया। कुछ ने टिकैत के बयान का समर्थन किया, तो कुछ ने उन्हें “देशद्रोही” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “टिकैत जैसे लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।” वहीं दूसरे ने पूछा, “क्या अब किसी की बात करना भी जुर्म है?”
Rakesh Tikait बोले – न डरूंगा, न झुकूंगा
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “मैं किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं, न कि किसी मजहब की। कुछ ताकतें इसे communal रंग देने की कोशिश कर रही हैं। मैं अपने बयान पर कायम हूं, लेकिन हिंसा का समर्थन नहीं करता।”
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।