NCR Real Estate Trends: दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार में नोएडा और गाजियाबाद एक बड़े परिवर्तन की दहलीज पर खड़े हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2026 इन दोनों शहरों के लिए एक ‘गोल्डन पीरियड’ साबित होने वाला है। इस तेजी का मुख्य कारण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पूर्ण संचालन, मेट्रो विस्तार और आधुनिक बुनियादी ढांचा है। क्रेडाई और एनरॉक जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट्स संकेत देती हैं कि यमुना एक्सप्रेसवे और प्रीमियम सेक्टर्स में संपत्तियों के दाम 25% से 40% तक बढ़ सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट और इंफोसिस जैसी वैश्विक कंपनियों के आगमन ने रोजगार और आवासीय मांग को नई गति दी है। अब यह क्षेत्र केवल ‘अफोर्डेबल’ नहीं, बल्कि एक ‘प्रीमियम डेस्टिनेशन’ बन चुका है, जो निवेशकों और वास्तविक खरीदारों दोनों को आकर्षित कर रहा है।
निवेश और विकास के मुख्य कारक
2026 में NCR रियल एस्टेट में आने वाली इस बड़ी क्रांति के पीछे विशेषज्ञों ने कुछ प्रमुख कारण बताए हैं:
जेवर एयरपोर्ट का प्रभाव: एयरपोर्ट के चालू होने से लॉजिस्टिक्स और होटल उद्योग में हजारों नौकरियां पैदा होंगी, जिससे यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास मांग बढ़ेगी।
लक्जरी सेगमेंट में उछाल: सेक्टर 150 और 94 जैसे पॉश इलाकों में अल्ट्रा-लक्जरी अपार्टमेंट्स की मांग बढ़ी है। एनरॉक के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में कीमतों में 72% तक की वृद्धि देखी गई है।
कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर: एक्सप्रेसवे के व्यापक नेटवर्क और मेट्रो विस्तार ने दिल्ली और गुरुग्राम से दूरी कम कर दी है।
कॉर्पोरेट हब: आईटी कंपनियों के नए कैंपस स्थापित होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
एक्सपर्ट की राय
आशीष जेरथ (स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स): “नोएडा NCR अब अपनी पुरानी छवि छोड़कर एक प्रीमियम डेस्टिनेशन बन चुका है। यहाँ की रेंटल यील्ड में सुधार हुआ है और अब सट्टेबाजी के बजाय वास्तविक खरीदार (End-users) बाजार का आधार बन गए हैं।”
आशीष अग्रवाल (एयू रियल एस्टेट): “नोएडा-गाजियाबाद में बड़े और खुले घर और विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलती हैं। दिल्ली-एनसीआर के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यहां कीमतें प्रतिस्पर्धी हैं और भविष्य में मूल्य वृद्धि की प्रबल संभावनाएं हैं।”










