नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के नोएडा में अवैध तरीके से बनाए गए सुपरटेक बिल्डिंग के ट्विन टॉवर को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद ये तय हो गया था कि नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड की बनाई गई अवैध बहुमंजिला इमारत गिराई जाएगी।क्योंकि नक्शे के मुताबिक इस टावर को सही दिशा में नहीं बनाया गया ऐसे में इस प्रक्रिया के लिए साउथ अफ्रीका के इंजीनियर इस ट्विन टॉवर का निरीक्षण करने पहुंचे। इन्होंने ट्विन टॉवर से सटी सुपरटेक एमराल्ड सोसाइटी का भी बारीकी से निरीक्षण किया।
इजीनियर टीम के मौके पर पहुंचना का उद्देश्य ये देखना है कि इमारत गिराने के लिए कितनी मात्रा में और कहां विस्फोटक लगाना है। कहा जा रहा है कि कुछ दिन में फ्रांस से भी इंजीनियर यहां आएंगे। नोएडा अथॉरिटी ने बकायदा यहां पर बोर्ड लगा दिया है जिसमें साफ लिखा है कि किस कंपनी को टावर को गिराने का ठेका दिया गया है।मुंबई की इस कंपनी को 22 मई तक दोनों ट्विन टावर को विस्फोट के जरिए ध्वस्त करना है और 22 अगस्त तक इसका मलवा पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इसके लिए कंपनी को सभी एनओसी लगभग मिल चुके हैं। इन दोनों टावर को विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा। इसके लिए पुलिस से भी एनओसी ले ली गई है। इस पूरी कार्रवाई में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा।
सुपरटेक इमारत को एडिफिस नाम की कंपनी गिराएगी। इस कंपनी ने पहले भी बहुमंजिला इमारत को ढहाया है। दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को अदालत के आदेश पर विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा। 22 मई को विस्फोट के जरिए इस इमारत को गिराया जाएगा, लेकिन अगर किसी स्थिति में कोई बाधा आती है तो ऐसे में जमींदोज की पूरी प्रक्रिया 22 मई के बाद 1 सप्ताह के भीतर ही पूरी कर ली जाएगी।