लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। पाकिस्तान के लोग अब भी खौफ में हैं। मौलाना से लेकर आर्मी के मेजर और कर्नल आसमान पर नजर बनाए हुए हैं। शहबाज शरीफ और मुल्ला मुनीर भारत की ‘सफेद परी’ ( ब्रह्मोस मिसाइल ) के डर से रात बंकर के अंदर गुजार रहे हैं। पाकिस्तान के कंटरपंथी मौलानाओं के साथ ही आतंकी हाफिद सईद और अजहर मसूद समेत अन्य आतंकी अपने-अपने घरों से एसी हटवा दिए हैं। दहशतगर्दों को आशंका है कि भारत की खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल कहीं एसी का लोकेशन ट्रेस करते हुए उनका काम तमाम न कर दे। इसी के कारण पाक के विलेन एसी के साथ ही मोबाइल से दूरी बनाए हुए हैं और 48 डिग्री तापमान पर पंखे के जरिए हवा ले रहे हैं।
ब्रम्होस मिसाइल के खौफ में पाकिस्तानी
हां पाकिस्तान के अंदर कुछ ऐसा ही माहौल है। भारत से पिटने के बाद पाकिस्तानियों की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम है। वह नाम भारत की खतरनाक सुपरसोनिक ब्रम्होस मिसाइल का है। ब्रह्मोस के खौफ से पूरा पाकिस्तान अब भी रतजगा करने को मजबूर है। दिनभर भारत को कोसने वाले पीएम शहबाज शरीफ ब्रम्होस के कारण रात को बंकर के अंदर सोने पर मजबूर हैं। चीन से लेकर तुर्किए को पाकिस्तानी पीएम नरेंद्र मोदी के अभेद अस्त ब्रह्मोस के बारे में बता रहे हैं। अमेरिका से लेकर पश्चिम के देश भी किलर मिसाइल को लेकर मंथन कर रहे हैं। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि इसकी खरीद के लिए दुनियाभर के देश भारत से गुहार लगा रहे हैं।
भारत ने पाक पर गिराई 15 ब्रह्मोस मिसाइल
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की थी। इसका भारत की वायु सेना ने करारा जवाब दिया। सूत्रों ने बताया कि नौ और 10 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान के 12 में से 11 एयरबेस पर हमले किए और उसके चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया। सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागकर भारत ने पाकिस्तान के एयरबेसों को नेस्तनाबूद कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।
घर से हटवाए एसी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ब्रह्मोस मिसाइल के चलते पाकिस्तान ने अपनी सेना के मुख्यालय को रावलपिंडी से इस्लामाबाद के मरगला पहाड़ियों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। ये कदम भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों की क्षमता को दिखाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में भारत का डर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना के बड़े-बड़े जनरल-कर्नल, आतंकी संगठनों के आका, जिसमें हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाउद ने अपने-अपने घरों से एसी तक हटवा दिए हैं। आतंकी और जनरन मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे।
तो आइए जानते हैं ब्रम्होस की ताकत
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से तीन गुना तेज (मैक 3) उड़ती है। इसे भारत और रूस के सहयोग से विकसित किया गया है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से लिया गया है। ब्रह्मोस करे जमीन, समुद्र, जहाज, पनडुब्बी, जेट फाइटर से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस उन्नत नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम के साथ, यह सटीक तरीके से टारगेट पर गिरती है। ब्रह्मोस दिन-रात और किसी भी मौसम में काम कर सकती है। ब्रह्मोस एक बार लॉन्च होने के बाद इसे ऑपरेटर की निरंतर निगरानी की आवश्यकता नहीं होती। अभी इसकी रेंज 290-450 किलोमीटर है.। इसमें 200-300 किलोग्राम विस्फोटक होता है, जो इसे बड़े सैन्य ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम बनाता है।
अब लखनऊ में होगा ब्रह्मोस का निर्माण
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच यूपी की राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया गया। अब ब्रह्मोस टू का निर्माण लखनऊ में होगा। 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी, जो 290-400 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से सटीक हमला कर सकती है। इसे जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है और यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिस्टम पर काम करती है। इसके अलावा, यूनिट हर वर्ष 100 से 150 अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलें भी बनाएगी। इसके अलावा, अगली पीढ़ी की मिसाइल का वजन 2,900 किग्रा से घटाकर 1,290 किग्रा किया गया है और इसकी रेंज 300 किमी से अधिक होगी। इससे सुखोई जैसे लड़ाकू विमान, जो अभी एक मिसाइल ले जाते हैं, तीन मिसाइलें ले जा सकेंगे।