आतंकी हमले से उपजा अविश्वास, पाकिस्तानी नागरिकों पर कड़ी नजर
1 मई को पहलगाम में हुए हमले में नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल समेत कई लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए। पाकिस्तान की एयरलाइनों पर भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रतिबंध लगा दिया गया, और अल्पकालिक वीजा पर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया। अटारी-वाघा सीमा भी बंद कर दी गई। इन सब के बीच भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की स्थिति और असुरक्षित हो गई, खासकर ऐसे लोग जो पहले से कानूनी उलझनों में हैं – जैसे सीमा हैदर।
“सीमा मीना बोलो” पर बवाल, एपी सिंह सोशल मीडिया पर घिरे
विवाद की जड़ एक वायरल वीडियो है जिसमें अधिवक्ता एपी सिंह एक महिला पत्रकार को लताड़ते दिखते हैं। उन्होंने पत्रकार से कहा कि वह “Seema Haider नहीं, सीमा मीना” कहे। यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक यूजर @Dev_Ruwala ने लिखा, “यह सिर्फ असभ्य नहीं बल्कि पहचान के आधार पर भेदभाव का सीधा मामला है।” कई यूजर्स ने एपी सिंह पर पहचान की राजनीति को हवा देने और पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाया।
एक प्रेम कहानी या सुरक्षा संकट?
सीमा हैदर का मामला 2023 से चर्चा में है। PUBG गेम के ज़रिए सचिन मीना से जुड़ी यह पाकिस्तानी महिला अवैध रूप से भारत आई और यहीं बसने की कोशिश कर रही है। कुछ लोग इसे “लव स्टोरी” कहते हैं तो कुछ लोग इस पर जासूसी का शक जताते हैं। अब जबकि भारत में पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, सीमा की स्थिति और जटिल हो गई है।
एपी सिंह का कहना है कि सीमा के नवजात बच्चे का पिता भारतीय है, इसलिए उसे भारत में रहने का अधिकार मिलना चाहिए। हालांकि यह तर्क भी अब ऑनलाइन आलोचना और व्यंग्य का विषय बन चुका है।
एक महिला, दो मुल्क, और कई सवाल
सीमा हैदर का मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं रहा। यह मामला अब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, पहचान की राजनीति और मानवाधिकारों के बीच की खींचतान का प्रतीक बन गया है। ऐसे समय में जब भारत पहलगाम जैसे आतंकी हमलों से जूझ रहा है, एक पाकिस्तानी महिला की कहानी देश में बहस का विषय बन चुकी है – और इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है।