अम्बुजेश कुमार (असिस्टेंट एडिटर) : यूपी के उपचुनावों में प्रचंड जीत के साथ ही सीएम योगी(Yogi Adityanath) ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनकी रणनीति का कोई मुकाबला नहीं है। सीएम योगी ने जिस तरह से उपचुनावों की कमान खुद संभाली और तूफानी प्रचार किया उसके बाद से ही माना जा रहा था कि बीजेपी इन उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी लेकिन इतने शानदार प्रदर्शन की उम्मीद किसी को नहीं थी। इन नतीजों ने जहां एक ओर लोकसभा चुनाव में मिले दर्द पर मरहम लगाया है वहीं सपा के पीडीए वाले दांव की भी हवा निकाल दी है।
योगी की मेहनत ने पीडीए को पछाड़ा
13 दिन में 37 रैलियां करके उपचुनावों की दिशा मोड़ देने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से मजबूत होकर उभरे हैं। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद जिस बीजेपी के कार्यकर्ताओं में निराशा घर कर गई थी उन्हें उस निराशा से बाहर लाकर एक और बंपर जीत का तोहफा सीएम योगी ने दिया है। और बता दिया है कि यूपी में उनके टक्कर का कोई दूसरा नेता नहीं है। इस बंपर जीत से सीएम योगी ने कुछ संदेश स्पष्ट तौर पर दिए हैं । यूपी में अगर योगी को फ्री हैंड मिले तो हर बाज़ी पलट सकते हैं। विपक्ष के पीडीए नैरेटिव के आगे हिंदुत्व का नैरेटिव ज्यादा मजबूत है । यूपी में लोक कल्याणकारी योजनाओं को जनता का समर्थन मिल रहा है और संविधान और आरक्षण को कोई भी खतरा नहीं है
विपक्ष का नैरेटिव योगी ने किया ध्वस्त
लोकसभा चुनाव में जिस नैरेटिव के साथ विपक्ष ने जो चक्रव्यूह रचा था उसके सारे दरवाजे योगी ने तोड़ दिए और साफ कर दिया कि असल में विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में जीत झूठ की बुनियाद पर दर्ज की थी। चुनावी नतीजों के बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने जनता के साथ छल किया था।
सपा को पहले ही हो गया था हार का आभास!
इन चुनावी नतीजों के बाद ये साफ हो गया है कि आखिर क्यों समाजवादी पार्टी लगातार छोटे छोटे बहाने गढ़कर चुनाव आयोग के चक्कर काट रही थी। असल में सपा को डर इसी बात का था कि अगर योगी का हिंदुत्व का नैरैटिव पीडीए पर भारी पड़ गया तो वो क्या जवाब देगी। उपर से हरियाणा चुनाव में जिस तरह योगी के बंटेंगे तो कटेंगे वाले नारे ने काम किया था उससे भी इंडी अलायंस के रणनीतिकार परेशान थे, लिहाजा फेस सेविंग की कवायद पहले ही शुरू कर दी थी। अब जबकि चुनावी नतीजे आ चुके हैं, उम्मीद के मुताबिक इंडी अलायंस के नेता वही घिसा पिटा राग अलाप रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि ये चुनाव बीजेपी ने अफसरों की वजह से जीता है।
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ईवीएम फोबिया और सिस्टम फोबिया से बाहर कब निकलेगा विपक्ष?
लम्बे वक्त से विपक्ष ईवीएम फोबिया और सिस्टम फोबिया का शिकार है। जिन राज्यों में विपक्ष की जीत होती है वहां ईवीएम दूध की धुली होती है, सारा सिस्टम भी ठीक होता है और जहां इनकी हार होती है वहां ईवीएम बेवफा निकल जाती है। खैर ये सब तो चलता रहेगा लेकिन इन उपचुनावों को जिसे 2027 का सेमीफाइनल कहा जा रहा था, एक बात तो साफ है कि अभी भी यूपी में सीएम योगी को सीधी टक्कर दे पाना विपक्ष के वश की बात नहीं और 2027 में भी ये सिलसिला जारी रहे तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।