New Delhi/ Kanpur: देश भर में त्योहारों के समय हो रही हिंसा के पीछे पीएफआई (PFI-Popular Front of India) अर्थात पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया है जिसके द्वारा विदेशी शक्तियों के भारत विरोधी एजेंडे को मूर्त रूप दिया जा रहा है, यह वक्तव्य आज सूफी खानकाह एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मो कौसर हसन मजीदी (Sufi Mohammad Kausar Majeedi) एडवोकेट द्वारा जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि- राजस्थान के करौली से लेकर मध्यप्रदेश के खरगौन तक और गुजरात के प्रमुख स्थानों पर हुई हिंसा के पीछे पीएफआई की भूमिका को रेखांकित करते हुए एक पत्र 11 अप्रैल को एसोसिएशन के द्वारा माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को प्रेषित किया गया था। आज उन्हीं तथ्यों को मध्यप्रदेश के सत्ताधारी दल के नेताओं के द्वारा उठाया जा रहा है,और कुछ दिवस पूर्व राजस्थान की विपक्षी पार्टी द्वारा भी यही बातें की गई थीं।
सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन लगातार पीएफआई (PFI-Popular Front of India) की देश विरोधी गतिविधियों को उजागर करता चला आ रहा है।राजस्थान,झारखंड,बिहार,उत्तर दिशा,दिल्ली,उत्तराखंड गुजरात और महाराष्ट्र,तेलंगाना,और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न स्थानों से पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग सूफी खानकाह एसोसिएशन द्वारा की गई है. साथ ही कानपुर से दिल्ली तक 10 दिवसीय यलगार यात्रा चलाकर 20 फ़रवरी 22 को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि- ‘हम आज पुनः उसी मांग को दोहराते हुए भारत सरकार से अपील करते हैं कि इससे पहले और भी नुकसान हो राष्ट्रहित में पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया जाए’।