Pooja Pal को जान का खतरा, अखिलेश यादव ने केंद्र से कराई जांच की मांग

समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अपनी जान को गंभीर खतरा बताया है। अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से जांच की मांग की और यूपी सरकार पर भरोसा जताया।

Pooja Pal

Pooja Pal threat to life: समाजवादी पार्टी से हाल ही में निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अपनी जान को गंभीर खतरा बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी हत्या होती है तो इसका दोषी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव होंगे। इस मामले को लेकर अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार से हस्तक्षेप और जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी वाले हमला करते हैं तो हम जेल जा सकते हैं, लेकिन यह जान का खतरा बेहद गंभीर है और इसकी जांच आवश्यक है। अखिलेश ने साफ किया कि यूपी सरकार पर भरोसा नहीं है और इस मामले में न्याय पाने के लिए केवल केंद्र सरकार से कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह स्थिति बेहद गंभीर है कि किसी विधायक को जान का खतरा महसूस हो और वह अपने ही पूर्व दल के नेताओं से सुरक्षित न रहे। उन्होंने कहा, “कोई मुख्यमंत्री से मिले और उसे जान का खतरा दूसरे दल के नेता से हो, यह कैसे संभव है। अब अगर बीजेपी वाले मार देंगे तो जेल हम चले जाएंगे।” अखिलेश ने जोर देकर कहा कि किसी की जान को खतरा हो तो इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि कौन और किस संगठन के लोग इस खतरे के पीछे हैं।

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अखिलेश ने कहा कि सपा को यूपी की सरकार पर भरोसा नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार की जांच आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने केंद्र के गृह मंत्रालय को पत्र भेजा है और उम्मीद जताई कि वहां से न्याय मिलेगा। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि इतने सालों तक पूजा पाल पार्टी में थीं और उन्हें कोई खतरा नहीं था, अब अचानक यह खतरा क्यों उत्पन्न हुआ, यह सब लोग समझ सकते हैं।

Pooja Pal ने शुक्रवार को अखिलेश यादव को पत्र लिखकर पार्टी और सोशल मीडिया पर मिल रही धमकियों का जिक्र किया। पत्र में उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अनुयायियों द्वारा गाली-धमकी और जान से मारने की कोशिश की जा रही है। Pooja Pal ने लिखा कि उन्होंने अपने पति के हत्यारों को सजा दिला दी और अब अगर उन्हें भी जान का नुकसान हुआ तो गर्व होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने उन्हें बीच रास्ते में अपमानित किया, जिससे उनके विरोधियों का मनोबल बढ़ गया और संभव है कि उनकी हत्या भी हो जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसा हुआ तो सरकार और प्रशासन को वास्तविक दोषी के रूप में अखिलेश यादव को माना जाएगा।

 

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