Pratapgarh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कक्षा 9 की एक छात्रा, रिया प्रजापति (17), अपने कमरे में पंखे से लटकी हुई पाई गई। आरोप है कि उसे वार्षिक परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया और 800 रुपये की बकाया फीस को लेकर कॉलेज प्रशासन ने उसे अपमानित किया जिसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
परीक्षा से रोके जाने का आरोप
रिया प्रजापति कमला शरण यादव इंटर कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी मां पूनम देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि 800 रुपये की बकाया फीस के कारण उसकी बेटी को एडमिट कार्ड नहीं दिया गया। शिकायत के मुताबिक शनिवार को जब रिया परीक्षा देने कॉलेज पहुंची तो वहां प्रबंधक संतोष कुमार यादव, प्रिंसिपल राजकुमार यादव, स्टाफ सदस्य दीपक सरोज, चपरासी धनीराम और एक अज्ञात शिक्षक ने उसे अपमानित किया। उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई और कॉलेज से वापस भेज दिया गया।
अपमान से टूटा हौसला
पूनम देवी ने बताया कि कॉलेज से बेइज्जत होकर लौटी रिया बेहद दुखी थी। उस समय वह खेत में काम करने गई थी। जब वह घर लौटी तो उसने अपनी बेटी को कमरे में पंखे से लटकता हुआ पाया। मां का आरोप है कि कॉलेज कर्मचारियों ने रिया को न सिर्फ अपमानित किया बल्कि उसका भविष्य बर्बाद करने की धमकी भी दी जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई और उसने अपनी जान दे दी।
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मामले पर पुलिस का बयान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) दुर्गेश कुमार सिंह ने बताया कि पूनम देवी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि लड़की को परीक्षा में बैठने से रोका गया और उसे घर लौटने के लिए कहा गया। अपमान से आहत होकर उसने घर पहुंचकर फांसी लगा ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
परिवार का गुस्सा और सवाल
रिया के परिवार ने कॉलेज प्रशासन (Pratapgarh) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूनम देवी ने कहा कि महज 800 रुपये की फीस के लिए उनकी बेटी को इस तरह अपमानित करना और उसका भविष्य खतरे में डालना बेहद शर्मनाक है। परिवार का कहना है कि इस घटना ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी। स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है और वे कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
जांच जारी.. कार्रवाई का इंतजार
पुलिस ने कॉलेज के नामित कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच के दौरान सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है। इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में फीस को लेकर संवेदनशीलता और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दबाव के मुद्दे को फिर से उठा दिया है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। इस दुखद घटना ने एक बार फिर समाज से यह सवाल पूछा है कि क्या छोटी-सी राशि के लिए एक मासूम की जिंदगी की कीमत चुकानी चाहिए?