यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल न हो पाने से छात्र ने की आत्महत्या, स्कूल प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक बड़ी ही दुख भरी घटना सामने आई है जिसमें यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल न हो पाने से निराश एक छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी।

Pratapgarh Sucide Case

Pratapgarh Sucide Caseउत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से एक बड़ी ही दुखदायी घटना सामने आई है जिसमें यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल न हो पाने से निराश एक छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने फीस बकाया होने के कारण उसे प्रवेश पत्र नहीं दिया जिससे छात्र बेहद आहत था।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला प्रतापगढ़ जिले के जेठवारा थाना क्षेत्र के धनसारी गांव स्थित साधुरी शिरोमणि इंटर कॉलेज का है। मृतक छात्र की पहचान शिवम सिंह के रूप में हुई जो क्षेत्र के आखों गांव का रहने वाला था। आर्थिक तंगी के कारण वह स्कूल की 5,000 रुपये फीस जमा नहीं कर सका जिसकी वजह से उसे लगातार प्रवेश पत्र से वंचित रखा गया।

शिवम पिछले एक हफ्ते से एडमिट कार्ड के लिए स्कूल के चक्कर लगा रहा था। रविवार को जब वह दो हजार रुपये लेकर स्कूल पहुंचा तो प्रधानाचार्य ने उसे अपमानित कर भगा दिया। परीक्षा में बैठने की आखिरी उम्मीद भी टूटने के बाद शिवम ने रात में घर के पीछे एक आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

परिवार की आर्थिक स्थिति थी कमजोर

परिजनों के मुताबिक शिवम की बहन पिछले चार महीनों से बीमार थी जिससे परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी कारण से वे उसकी पूरी फीस जमा नहीं कर पाए। परिजन रो-रोकर स्कूल प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि अगर शिवम को प्रवेश पत्र दे दिया जाता तो वह यह खौफनाक कदम न उठाता।

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पुलिस कर रही मामले की जांच

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस (Pratapgarh Sucide Case) मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी संजय राय ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

स्कूल प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप

शिवम के दादा का कहना है कि स्कूल प्रशासन (Pratapgarh Sucide Case) ने फीस न भर पाने की स्थिति को समझने के बजाय शिवम को अपमानित किया जिसके कारण उसने यह कदम उठाया। परिजनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

शिक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या फीस न भर पाने के कारण किसी छात्र को परीक्षा से वंचित किया जाना उचित है? क्या आर्थिक तंगी की वजह से एक होनहार छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ेगी? प्रशासन को इस पर विचार करने की जरूरत है ताकि आगे कोई और छात्र ऐसी परिस्थिति का शिकार न हो।

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