Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक में हंगामा, महाकुंभ से पहले संतों में जोरदार विवाद

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान साधु-संतों के बीच जमकर विवाद और मारपीट हुई। 13 अखाड़ों के संत मेला प्राधिकरण के दफ्तर में जुटे थे, लेकिन निर्मोही अखाड़े के महंत और एक अन्य साधु में विवाद बढ़ने पर दो गुट आमने-सामने आ गए।

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले अखाड़ा परिषद की बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ। 13 अखाड़ों के साधु-संत मेला प्राधिकरण के दफ्तर में भूमि निरीक्षण के लिए जुटे थे, लेकिन निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास और एक अन्य साधु के बीच विवाद गहराता गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि संतों के दो गुट आमने-सामने आ गए और जमकर मारपीट हुई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी महाराज ने भी एक संत की पिटाई की। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, और संत समाज में आंतरिक मतभेदों को लेकर चर्चा फिर से गरमा गई है। लंबे समय से चले आ रहे गुटबाजी का असर महाकुंभ के आयोजन पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

महाकुंभ से पहले बढ़ी गुटबाजी

Maha Kumbh 2025  के पहले, अखाड़ा परिषद में लंबे समय से चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद से अखाड़ा परिषद में दो धड़े बन गए हैं। इस बैठक का आयोजन महाकुंभ से पहले संतों में एकता लाने और आयोजन को भव्य बनाने के मकसद से किया गया था, लेकिन साधु-संतों के बीच तनाव ने आयोजन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान एक गुट ने ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाए, जिससे दूसरे गुट के साधु नाराज हो गए और विवाद बढ़ गया।

पहले भी हो चुकी है विवाद की कोशिशें

अखाड़ा परिषद में दो गुटों के बीच मतभेद की खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने इस गुटबाजी को सुलझाने का प्रयास किया था और सभी साधु-संतों को एकजुट होकर महाकुंभ का दिव्य आयोजन करने का आह्वान किया था। हालांकि, संतों में आपसी समझ बढ़ाने की कोशिशें अब तक नाकाम रहीं हैं, और इस बैठक में बढ़े विवाद ने स्थिति को और जटिल बना दिया।

अखाड़ा परिषद की भूमिका पर सवाल

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 13 अखाड़ों का एक मंच है, जिसका काम कुंभ मेले के आयोजन और समापन की देखरेख करना है। परिषद के भीतर बढ़ते तनाव और गुटबाजी ने आयोजन की गुणवत्ता और संत समाज की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों में परिषद में विवाद और अलगाव के कारण कुंभ जैसे आयोजन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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आने वाले समय में क्या होगा?

Maha Kumbh 2025 को लेकर संत समाज और अखाड़ा परिषद में चल रहे इस विवाद को लेकर सभी की निगाहें टिकी हैं। संत समाज और अखाड़ा परिषद को एकजुट करने के लिए आने वाले दिनों में और प्रयास किए जाने की उम्मीद है ताकि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और भव्य रूप में हो सके।

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