लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। श्रावण मास जारी है। शिवालय सजे हुए हैं और मंदिरों में सुबह से लेकर देरशाम तक भक्तों की कतारे लगी रहती हैं। बम-बम की गूंज से शहर-शहर, गांव-गांव सराबोर हैं। शिव भक्त भी श्रद्धा भाव से जलाभिषेक के लिए रोमांचित और उत्साहित हैं। कांवड़ियों का जत्था बाबा के जलाभिषेक के लिए निकल रहे हैं। भक्तों के मन में जहां एक और उमंग आनंद और उत्साह है, तो वहीं मेघ भी महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जेलों में भी है। यहां भी बंदी महादेव की भक्ति में डूबे हुए हैं। कोई व्रत रखा रहा है तो कोई सलाखों के अंदर रहते हुए कांवड़ उठा रहा है।
कुछ ऐसा ही नजारा शाहजहांपुर में सावन के दूसरे सोमवार को जिला कारागार में देखने को मिला। जेल भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। हर-हर महादेव के जयकारों के बीच बंदियों ने कांवड़ यात्रा निकाली। इस मौके पर विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। जेल में 220 पुरुष व 21 महिला बंदी उपवास रख रही हैं। पति सुखजीत सिंह की हत्या में फांसी की सजा पा चुकी रमनदीप कौर ने भी सोमवार व्रत रखा। कांवड़ यात्रा में शामिल होकर विधि-विधान से पूजा की। इसी तरह अपने पति की हत्या में निरुद्ध महिला बंदी गायत्री भी कांवड़ यात्रा में शामिल हुई। जेल प्रशसन ने बंदियों के लिए खास इंतजार किए हुए थे।
जिला जेल में कांवड़ यात्रा को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थीं। बंदियों ने खुद ही कांवड़ तैयार की। सावन के दूसरे सोमवार को पांचाल घाट फर्रुखाबाद से लाया गया गंगाजल बंदियों को उपलब्ध कराया गया। बेलपत्र, धतूरे, माला व अन्य पूजन सामग्री की व्यवस्था जेल प्रशासन ने की। दो बंदियों का शिव-पार्वती के रूप में शृंगार किया गया। इसके बाद कांवड़ के साथ तिरंगा और भगवान शिव के झंडे को लेकर बंदियों ने भ्रमण किया। प्रत्येक अहाते और बैरक में कांवड़ यात्रा निकाली गई। इसके बाद बैरक नंबर 11 में शिव मंदिर में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने जलाभिषेक किया। बंदियों ने जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया।
इसी तरह महिला बंदियों ने अपनी बैरक में अलग-अलग कांवड़ यात्रा निकाली और भजन गाते हुए जलाभिषेक किया। पति की हत्या में फांसी की सजा पाने वाली एनआरआई रमनदीप कौर ने कांवड़ यात्रा में शामिल होकर जलाभिषेक किया। जालंधर की मूल निवासी और इंग्लैंड के डर्बी शहर निवासी रमनदीप ने अगस्त 2016 में अपने प्रेमी गुरुप्रीत सिंह उर्फ मिट्ठू के साथ मिलकर पति सुखजीत सिंह की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में सात अक्तूबर 2023 को कोर्ट ने रमनदीप को फांसी व उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि फांसी की सजा पाने वाली कैदी रमनदीप ने हाईकोर्ट में अपील की है।
दरअसल, बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत सिंह इंग्लैंड के डर्बिशायर में रहते थे। उनकी पंजाब के कपूरथला की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के मूल निवासी मिट्ठू सिंह से दोस्ती थी। वह दुबई में रहता था। दुबई और इग्लैंड आने-जाने के दौरान दोनों में दोस्ती हो गई थी। मिट्ठू सुखजीत के घर आने-जाने लगा। इस दौरान मिट्ठू और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर में प्रेम प्रसंग हो गया। 28 जुलाई, 2016 को सुखजीत पत्नी, बच्चों और अपने दोस्त मिट्ठू के साथ भारत आए थे। देश में कई जगह घूमने के बाद वह 15 अगस्त को फार्म हाउस पर बसंतापुर पहुंचे। एक सितंबर की रात रमनदीप और मिट्ठू ने उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जांच के दौरान पत्नी और उसके प्रेमी को अरेस्ट कर जेल भेजा। कोर्ट में शार्जशीट दाखिल हुई।
सुखजीत हत्याकांड में वैसे तो 16 गवाह पेश किए गए थे, लेकिन घटना के चश्मदीद सुखजीत सिंह और रमनदीप कौर के पुत्र अर्जुन सिंह की गवाही महत्वपूर्ण रही। घ् अर्जुन सिंह ने गवाही में बताया कि आहट सुनकर उसकी आंख खुली तो देखा कि उसकी मम्मी रमनदीप कौर पापा सुखजीत के सीने पर बैठी थी और तकिए से पापा का मुंह दबाए थी। मिट्ठू ने हथौड़े से दो बार पापा के सिर पर प्रहार किए थे। इस बीच रमनदीप कौर ने मिट्ठू से कहा कि इसे फिनिश कर दो। मिट्ठू ने चाकू रमनदीप कौर को दिया। रमनदीप ने सुखजीत की गर्दन को चाकू से काट दिया। डर के कारण वह चादर के अंदर छिप गया और बिना हिले-डुले पड़ा रहा। बयानों में अर्जुन ने यह भी कहा था पापा कि हत्या में शामिल मां अब उसके लिए मां न होकर केवल रमनदीप कौर है।