Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली दौरे ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। शुक्रवार को जब Rahul Gandhi अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे, तो उन्हें योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और उनके समर्थकों के जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा। मंत्री दिनेश सिंह ने अपने समर्थकों के साथ रायबरेली-लखनऊ राजमार्ग पर धरना दिया और ‘राहुल गांधी वापस जाओ’ के नारे लगाए। यह विरोध प्रदर्शन हरचंदपुर थाना क्षेत्र के पास बटोही होटल के पास हुआ, जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। पुलिस ने मंत्री और उनके समर्थकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे डटे रहे। यह विरोध प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दिनेश प्रताप सिंह कभी कांग्रेस के ही नेता हुआ करते थे।
दिनेश प्रताप सिंह: कांग्रेस से भाजपा तक का सफर
दिनेश प्रताप सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि इस विरोध प्रदर्शन को एक नया आयाम देती है। वह 2018 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। कांग्रेस में रहते हुए उनका परिवार रायबरेली की राजनीति में एक मजबूत पकड़ रखता था। भाजपा में आने के बाद, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद देकर उनका महत्व दर्शाया।
विरोध का कारण और राजनीतिक मायने
यह विरोध प्रदर्शन कई राजनीतिक मायने रखता है। दिनेश प्रताप सिंह का यह कदम Rahul Gandhi के खिलाफ भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। रायबरेली को लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है, और भाजपा इसे कमजोर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का यह प्रदर्शन न केवल राहुल गांधी के दौरे को फीका करने का प्रयास था, बल्कि यह स्थानीय जनता को यह संदेश देने की भी कोशिश थी कि अब रायबरेली में भाजपा भी एक मजबूत राजनीतिक शक्ति है। यह घटना आगामी चुनावों के मद्देनजर रायबरेली में राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा सकती है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और राहुल गांधी का स्वागत
Rahul Gandhi के लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ सहित कई नेता मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए और उनका उत्साह बढ़ाया। कांग्रेस नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन को भाजपा की हताशा का प्रतीक बताया। उनका कहना है कि भाजपा रायबरेली में कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई है, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। यह घटना इस बात का संकेत देती है कि रायबरेली में कांग्रेस और भाजपा के बीच आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक खींचतान देखने को मिल सकती है।