लखनऊ। यूपी में लगभग-लगभग चुनाव का शंखनाद हो चुका है। राहुल और अखिलेश की जोड़ी भी सूबे पर कब्जे को लेकर मैदान पर उतर चुकी है। बीजेपी भी फुल एक्शन में है और दो लड़कों की जोड़ी को बेअसर करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है। बीजेपी के नेता भी अब रार को छोड़ कमल खिलाने को लेकर एक हो रहे हैं। रूठे बृजभूषण शरण सिंह भी मान गए हैं। अखिलेश यादव से दो-दो हाथ करने का ऐलान कर पूर्वांचल में नई सपा को घेरने का चक्रव्यूह तैयार करने में जुटे हैं। पूर्व सांसद के दोनों बेटे भी बीजेपी की बनाई पिच पर उतरकर ताबड़तोड़ बैटिंग शुरू कर दी है। जिसका नजारा यूपी विधानसभा में देखने को मिला। जब रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और गोंडा से विधायक प्रतीक भूषण सिंह को राखी बांधी।
यूपी विधानसभा के मानसूत्र का आगाज सोमवार को हो गया। विपक्षी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए। सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से पलटवार हुआ। आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधानसभा से एक तस्वीर सामने आई, जाो सबको भाई। बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक को बीजेपी विधायक अदिति सिंह ने राखी बांधकर रक्षा का वचन लिया। इस दौरान प्रतीक ने पैर छूटकर अदिति का आशीर्वाद लिया। रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने कहा कि प्रतीक मेरे भाई हैं। आज से नहीं कई सालों से उन्हें राखी बांध रही हूं। मेरी छोटी बहन भी बांधती हैं। बीच में वीकेंड था, हम लोग अपने-अपने क्षेत्र में थे इसलिए आज मैंने राखी बांधी। पहली बार मुझे विधानसभा में राखी बांधने का मौका मिला।
प्रतीक भूषण ने कहा कि मैं तो हर साल अदिति जी से राखी बंधवाता हूं। इस बार वीकेंड पर त्यौहार पड़ा था। मेरे यहां बाढ़ आई हुई थी। इसलिए हम लोगों ने प्लान किया था कि हम सदन में राखी बंधवाएंगे। आज ये अवसर मिला, मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं। अदिति सिंह ने बताया कि प्रतीक और मेरे परिवार के बीच पुराने रिश्ते हैं। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह हमें अपनी छोटी बेटी की तरह मानते हैं। बता दें, अदिति सिंह और प्रतीक भूषण सिंह दोनों ही प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों से आते हैं। अदिति सिंह पूर्व कांग्रेस विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैंए जिन्होंने रायबरेली की राजनीति में दशकों तक प्रभाव बनाए रखा। वहींए प्रतीक भूषण सिंहए गोंडा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बृज भूषण शरण सिंह के पुत्र हैं, जिनका क्षेत्रीय राजनीति में गहरा प्रभाव है।
दोनों परिवारों के राजनीतिक मार्ग अलग-अलग रहे हैं, लेकिन विधानसभा में इस भाई-बहन के रिश्ते ने साबित किया कि व्यक्तिगत संबंध राजनीति की सीमाओं से परे होते हैं। मानसून सत्र का पहला दिन आमतौर पर सवाल-जवाब विरोध और नोकझोंक से भरा होता है, लेकिन इस बार अदिति और प्रतीक के बीच हुए इस भावनात्मक पल ने सदन का वातावरण कुछ देर के लिए सौहार्दपूर्ण बना दिया। यह दृश्य मानो संदेश दे रहा था कि मतभेदों के बीच भी रिश्तों का सम्मान बरकरार रह सकता है। सत्र में मौजूद कई विधायकों और मीडिया प्रतिनिधियों ने इसे एक ‘पॉजिटिव न्यूज मोमेंट’् बताया। राजनीतिक गलियारों में चल रहे तनाव और आरोप.प्रत्यारोप के बीच यह घटना मानवीय रिश्तों की गरिमा का प्रतीक बनी। सोशल मीडिया पर भी इस खबर ने तेजी से जगह बनाई और लोगों ने इसे राखी का सबसे खूबसूरत दृश्य बताया।
अब हम आपको अतिदि सिंह और प्रतीक सिंह के बारे में बताते हैं। अदिति सिंह पूर्व कांग्रेसी नेता अखिलेश सिंह की बेटी हैं। अदिति ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई थीं। 2022 का चुनाव वह बीजेपी के सिंबल पर लड़ी और विधायक चुनी गई। 15 नवंबर 1987 को जन्मीं अदिति सिंह विदेश में पढ़ी-लिखी हैं। अदिति ने मास्टर्स की पढ़ाई अमेरिका के ड्यूकन यूनिवर्सिटी से की। साल 2017 के विधानसभा चुनाव से अदिति सिंह का राजनीतिक करियर शुरू हुआ। बीजेपी लहर के बावजूद वह रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत गईं। उन्होंने अपने पिता अखिलेश सिंह की जगह ली, जो 5 बार से रायबरेली सदर के विधायक थे। अदिति सिंह ने पंजाब में कांग्रेस के विधायक अंगद सैनी से साल 2019 में शादी की है। दोनों की सगाई दिसंबर 2018 में हुई थी।