Bareilly court: बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में 10 साल पुराने हत्या के मामले में आरोपी भाई और भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है। इस फैसले में कोर्ट ने रामायण का उदाहरण देते हुए भारतीय परिवार व्यवस्था और न्याय की पुरानी परंपराओं का उल्लंघन करने के लिए इन दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया। कोर्ट ने यह भी कहा कि समाज की मर्यादा बनाए रखने के लिए हर नागरिक का यह धर्म है, और परिवार के भीतर अपराध होना भारतीय आदर्शों के खिलाफ है। दोनों आरोपी, पिता और बेटे, जमीन के विवाद में मृतक को मारने के दोषी पाए गए।
यह मामला Bareilly के बहेड़ी थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव का है। वर्ष 2014 में चरण सिंह की हत्या कर दी गई थी। पहले उन्हें गोली मारी गई, फिर गड़ासे से उनका गला काट दिया गया। इस हत्या के मामले में मृतक के भाई रघुवीर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, पुलिस जांच के दौरान पता चला कि यह हत्या खुद रघुवीर और उनके बेटे मोनू उर्फ तेजपाल ने मिलकर की थी। आरोपियों ने यह हत्या 20 बीघे जमीन हड़पने के लिए की थी।
मामले की जांच में मृतक की मां और बहन ने भी गवाही दी, जिसमें उन्होंने बताया कि रघुवीर और मोनू ने जानबूझकर यह वारदात की थी। आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से हत्या को अंजाम दिया था और इसके लिए पहले से हथियार तैयार किए थे। Bareilly पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, और कोर्ट में यह मामला सुलझाया गया। अभियोजन पक्ष ने इसे एक जघन्य अपराध करार देते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की थी।
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Bareilly फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि दिवाकर ने जब अपना फैसला सुनाया, तो उन्होंने रामायण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास स्वीकार कर परिवार और समाज की मर्यादा बनाए रखी। वहीं, आज के समय में भाई ही भाई की हत्या कर देता है, जो भारतीय आदर्शों का उल्लंघन है। जज के फैसले के बाद आरोपी पिता-बेटे दोनों रो पड़े। कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा देने के साथ-साथ एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।