टाटा सफारी पर बीएमडब्लू की चुनौती? जानिए रतन टाटा ने एसपीजी ऑफिसर को क्या बताया

उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद, योगी सरकार में मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने उन्हें याद करते हुए एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। अरुण ने टाटा जी के साथ एसपीजी सेवा के दौरान बिताए पलों को याद किया, जिसमें टाटा सफारी और बीएमडब्लू पर उनकी प्रतिक्रिया भी शामिल थी।

Asim Arun

Asim Arun: उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद लोग उन्हें अपने-अपने तरीके से याद कर रहे हैं। योगी सरकार में मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया पर एक किस्सा साझा किया, जिसमें उन्होंने टाटा जी के सरल स्वभाव और उत्कृष्टता के प्रति उनकी सोच का ज़िक्र किया। असीम अरुण ने उस समय के अनुभव साझा किए जब वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में कार्यरत थे और रतन टाटा जी से उनका संवाद हुआ था।

रतन टाटा का सादा जीवन और असाधारण दृष्टिकोण

रतन टाटा को लोग उनकी सादगी, दूरदृष्टि और निस्वार्थ सेवा के लिए याद करते हैं। Asim Arun ने 2007-08 का एक वाकया याद किया, जब वे एसपीजी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे थे। एक खास अवसर पर रतन टाटा को एसपीजी के लेक्चर में आमंत्रित किया गया था। असीम अरुण को उन्हें ताज मान सिंह होटल से लेने का मौका मिला। अरुण ने बताया कि टाटा जी प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं बल्कि एक सामान्य कमरे में ठहरे हुए थे।

जब वह टाटा जी को लेने गए तो उन्होंने खुद की 50 साल पुरानी मर्सिडीज में Asim Arun को भी साथ बिठा लिया। अरुण ने उनसे पूछा कि क्या उनके साथ कोई सुरक्षा नहीं है, इस पर टाटा जी ने सहजता से कहा, “मुझे किससे खतरा हो सकता है?” टाटा जी का यह जवाब उनके आत्मविश्वास और उनके जीवन की सरलता को दर्शाता है।

टाटा सफारी बनाम बीएमडब्लू की चुनौती

लेक्चर के दौरान, टाटा जी ने “संस्था में उत्कृष्टता का विकास” विषय पर चर्चा की। Asim Arun ने टाटा मोटर्स द्वारा एसपीजी के लिए तैयार की गई बुलेटप्रूफ कारों के बारे में बताया। उस समय एसपीजी ने बीएमडब्लू कारें खरीदना शुरू कर दिया था, और अरुण ने टाटा जी से पूछा कि क्या उन्हें इससे निराशा होती है।

टाटा जी का जवाब बेहद प्रेरणादायक था। उन्होंने कहा, “नहीं, मुझे निराशा नहीं होती। प्रतियोगिता में बने रहना ही उत्कृष्टता की कुंजी है। एसपीजी बेस्ट कार ही खरीदेगी, और मुझे अपनी सफारी को बेस्ट बनाना होगा। मैं अपनी टीम से कहूंगा कि वे बीएमडब्लू का अध्ययन करें और सफारी को और बेहतर बनाएं। उत्कृष्टता की यात्रा निरंतरता की होती है।”

Asim Arun का अनुभव-‘सौभाग्यशाली हूँ कि उनसे मिला’

असीम अरुण ने बताया कि टाटा जी के साथ एक घंटे का समय बिताना उनके लिए बेहद सौभाग्यपूर्ण था। उन्होंने टाटा जी से उत्कृष्टता का फार्मूला पूछा, जिस पर टाटा जी ने उन्हें बताया कि किसी भी संस्था या कंपनी में उत्कृष्टता तब ही विकसित हो सकती है जब काम को छोटे-छोटे सब-प्रोसेस में बांटकर, हर अंग को पक्का किया जाए। प्रोसेस और क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम मज़बूत होना चाहिए, तभी अंतिम परिणाम मुकम्मल होता है।

अरुण ने बताया कि इस संवाद के कुछ दिन बाद उन्हें टाटा जी का एक धन्यवाद पत्र मिला, जिसे उन्होंने संजोकर रखा है। इस पत्र में टाटा जी ने अरुण को उनका सम्मान देने के लिए धन्यवाद कहा और उन्हें प्रेरित किया कि जीवन में आगे बढ़ते रहें। अरुण ने लिखा कि टाटा जी से मिला यह पत्र और उनकी सिखाई बातें जीवनभर उनके साथ रहेंगी।

 ‘सरलता में महानता’ का उदाहरण

रतन टाटा की सादगी उनके व्यक्तित्व का सबसे अहम हिस्सा थी। उन्होंने अपने जीवन में भले ही बड़े-बड़े व्यापारिक निर्णय लिए हों, लेकिन उनका निजी जीवन उतना ही सादा और सहज था। 50 साल पुरानी मर्सिडीज में बिना सुरक्षा के चलना और हर सवाल का सरलता से जवाब देना उनकी महानता को दर्शाता है।

असीम अरुण ने इस पूरे अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि टाटा जी ने उन्हें सिखाया कि जीवन में उत्कृष्टता के लिए निरंतरता ज़रूरी है। यह यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। उनके विचारों में स्पष्टता और सरलता थी, जो किसी भी जटिल स्थिति का हल देने में सक्षम थी।

Ratan Tata को अंतिम विदाई, शांति और सादगी का प्रतीक

रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया, और गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान में किया जाएगा। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। तमाम उद्योगपति, नेता और आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

रतन टाटा की जीवनशैली, उनके विचार और उनके द्वारा दी गई सीख हमेशा के लिए हमारे साथ रहेंगी। उनका योगदान भारतीय उद्योग जगत और समाज के लिए अतुलनीय है। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।

 

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