‘भाजपा-कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे’, आरक्षण को लेकर मायावती का बड़ा हमला

बसपा प्रमुख मायावती ने आरक्षण कोटे में बंटवारे के फैसले पर भाजपा और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने दोनों पार्टियों को संविधान और दलित समाज के लिए खतरा बताते हुए विभाजनकारी राजनीति से सावधान रहने की अपील की।

Mayawati

Mayawati’s statement: बसपा प्रमुख मायावती ने आरक्षण कोटे में बंटवारे के फैसले पर भाजपा और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह जातिवादी पार्टियां संविधान और शोषित समाज के लिए खतरा बन चुकी हैं। मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं, जो दलितों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।

हरियाणा, तेलंगाना और कर्नाटक की सरकारों द्वारा आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था को लागू करने पर भी बसपा प्रमुख ने नाराज़गी जताई। मायावती ने दलितों से इन विभाजनकारी राजनीति से सावधान रहने की अपील की और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को मजबूत बनाए रखने का आह्वान किया।

आरक्षण में बंटवारा संविधान के खिलाफ – Mayawati

बसपा सुप्रीमो Mayawati ने बीजेपी और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आरक्षण के कोटे को बांटने का निर्णय संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह जातिवादी पार्टियां दलितों और पिछड़े वर्गों की एकता को तोड़ने के इरादे से काम कर रही हैं। मायावती का मानना है कि आरक्षण का उद्देश्य कमजोर वर्गों को सशक्त करना था, लेकिन अब इसे खत्म करने के लिए आरक्षण में बंटवारे का सहारा लिया जा रहा है। उनके अनुसार, भाजपा और कांग्रेस का एजेंडा एक है और ये दोनों पार्टियां दलित समाज के उत्थान में बाधक बन रही हैं।

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तेलंगाना और कर्नाटक में लागू नई व्यवस्था पर नाराज़गी

Mayawati ने तेलंगाना और कर्नाटक की कांग्रेस सरकारों पर भी हमला बोला, जिन्होंने आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू की है। उन्होंने कहा कि यह कदम दलितों को बांटने का षड्यंत्र है और इसका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है। उन्होंने भाजपा शासित हरियाणा सरकार के बाद कांग्रेस द्वारा किए गए इस निर्णय को दलित विरोधी बताते हुए निंदा की।

भाजपा, कांग्रेस, सपा पर साधा निशाना

Mayawati ने न केवल भाजपा और कांग्रेस, बल्कि सपा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने इन पार्टियों को जातिवादी बताते हुए कहा कि ये पार्टियां दलितों की राजनीतिक शक्ति को खतरा मानती हैं और उनके उत्थान को कमजोर करने के लिए विभाजनकारी नीतियों का सहारा ले रही हैं। मायावती ने अपने अनुयायियों और समाज के लोगों से इन पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद के हथकंडों से बचने और सावधानी बरतने की अपील की ताकि डॉ. भीमराव अंबेडकर का कारवां कमजोर न हो।

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