UP Lekhpal: लेखपालों को अब हलके में ही करना होगा निवास, राजस्व परिषद ने जारी किए निर्देश

उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपालों को अब अपने हलके क्षेत्र में ही निवास करना अनिवार्य कर दिया गया है। राजस्व परिषद की आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया ने सभी जिलाधिकारियों को इस निर्देश का पालन कराने के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं।

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UP Lekhpal:  उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपालों को अब अपने तैनाती क्षेत्र में ही निवास करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय राजस्व परिषद की आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया द्वारा जारी निर्देशों के तहत लिया गया है, जिससे लेखपालों के हलका क्षेत्र में निवास ना करने के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं का समाधान होगा। परिषद ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लेखपालों की तैनाती की स्थिति की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि हर लेखपाल अपने हलके में ही रहे। यह कदम खासतौर पर उन इलाकों में प्रभावी होगा जहां स्थानीय लोगों को सरकारी कार्यों में विलंब और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

नियमों का उल्लंघन और अधिकारियों की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश लेखपाल (Lekhpal) सेवा नियमावली 2006 के तहत, प्रत्येक लेखपाल को अपने हलका क्षेत्र में निवास करना अनिवार्य है। हाल ही में राजस्व परिषद की समीक्षा में यह सामने आया कि कई लेखपाल इस नियम का पालन नहीं कर रहे थे। इसके कारण स्थानीय प्रशासन में असंतोष और कार्यों के निस्तारण में देरी हो रही थी। यह स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब जनता को सरकारी कार्यों में समय पर समाधान की आवश्यकता है।

जनता और जनप्रतिनिधियों की शिकायतें

लेखपालों द्वारा हलके से बाहर रहने के कारण स्थानीय (Lekhpal) जनता को काफी परेशानी हो रही थी। सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही थी, जिससे लोगों को समय पर निस्तारण का मौका नहीं मिल पा रहा था। इसके अलावा, जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर शासन और राजस्व परिषद से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लेखपालों की अनुपस्थिति से उनके हलके के लोगों को मूलभूत सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा था, जिससे प्रशासन की छवि भी प्रभावित हो रही थी।

जिलाधिकारियों को सख्ती से पालन कराने का आदेश

राजस्व परिषद ने अब जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी लेखपाल अपने हलके में निवास करें। अगर कोई लेखपाल इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से न केवल राजस्व मामलों का निस्तारण तेज होगा, बल्कि आम जनता को भी राहत मिलेगी। यह निर्णय प्रशासन की कार्यप्रणाली को सुधारने और लोगों को जल्द से जल्द सेवा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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