Rinku Singh removed: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता अभियान से हटा दिया है। आयोग ने यह फैसला तब लिया जब रिंकू सिंह की सगाई समाजवादी पार्टी की मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज से हुई। आयोग ने स्पष्ट किया है कि रिंकू सिंह के राजनीतिक जुड़ाव के चलते अब उन्हें यूथ आइकॉन के रूप में चुनावी तटस्थता बनाए रखना मुश्किल है। इसी कारण सभी पोस्टर, वीडियो और वेबसाइट से उनकी तस्वीर और प्रचार सामग्री हटाने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश में स्वीप आइकॉन के रूप में युवाओं को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
सगाई के बाद आयोग ने लिया फैसला
भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे Rinku Singh को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में मतदाता जागरूकता अभियान के पोस्टर बॉय यानी स्वीप आइकॉन की भूमिका से हटा दिया है। वजह है उनकी हालिया सगाई समाजवादी पार्टी की युवा सांसद प्रिया सरोज से। आयोग ने इस सगाई को एक राजनीतिक जुड़ाव मानते हुए रिंकू को तटस्थ भूमिका से हटाया है।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि मतदाता जागरूकता अभियान पूरी तरह गैर-राजनीतिक होता है। जब कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक दल या उससे जुड़े व्यक्ति के साथ सार्वजनिक रूप से जुड़ता है, तो उस स्थिति में उसकी भूमिका निष्पक्ष नहीं मानी जा सकती। इसलिए रिंकू सिंह को हटाने का निर्णय लिया गया।
सभी प्रचार सामग्री से हटेगी रिंकू की तस्वीर
निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी कर सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मतदाता जागरूकता से जुड़ी सभी प्रचार सामग्री—जैसे पोस्टर, वीडियो, वेबसाइट और सोशल मीडिया पोस्ट—से रिंकू सिंह की तस्वीर हटाई जाए।
बता दें कि Rinku Singh को युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता को देखते हुए यूथ आइकॉन के तौर पर इस अभियान से जोड़ा गया था। उनके क्रिकेट करियर की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें प्रेरणास्रोत के रूप में प्रचार सामग्री में जगह दी गई थी।
लखनऊ में हुई थी सगाई, कई बड़े नेता रहे शामिल
Rinku Singh और सपा सांसद प्रिया सरोज की सगाई जून में लखनऊ के एक होटल में धूमधाम से हुई थी। इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव समेत कई पार्टी नेता मौजूद थे। इस भव्य समारोह की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
सगाई के बाद से रिंकू और प्रिया सरोज कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में एक साथ देखे गए। यही सार्वजनिक जुड़ाव निर्वाचन आयोग के निर्णय का आधार बना। आयोग का मानना है कि किसी भी प्रकार का राजनीतिक संबंध प्रचार अभियान की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकता है।
चुनाव आयोग के इस फैसले से साफ है कि वह अपने अभियानों में राजनीतिक तटस्थता को लेकर बेहद गंभीर है। रिंकू सिंह भले ही क्रिकेट के मैदान पर अपनी अलग पहचान बना चुके हों, लेकिन सार्वजनिक जीवन में राजनीतिक जुड़ाव के कारण उन्हें यह प्रतिष्ठित जिम्मेदारी छोड़नी पड़ी।