आलोचना के बाद उठाया गया कदम
RLD के प्रदेश प्रवक्ता कमल गौतम ने गृह मंत्री अमित शाह से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बारे में उनके बयान पर माफी मांगने की अपील की थी। गौतम ने कहा था कि शाह का बयान अंबेडकर के प्रति अपमानजनक था और ऐसा बयान देना उचित नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर को लोग भगवान की तरह मानते हैं और इस तरह के बयान से उनकी भावनाएं आहत हो सकती हैं। गौतम के इस बयान के बाद पार्टी ने त्वरित कदम उठाते हुए सभी प्रवक्ताओं को उनके पद से हटा दिया।
राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने इस संबंध में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, “राष्ट्रीय लोकदल के सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं एवं उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया जाता है।” पार्टी ने इस कदम को अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी बताया।
अमित शाह का बयान
यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आजकल अंबेडकर का नाम बहुत ज़्यादा लिया जा रहा है, और अगर किसी ने भगवान के रूप में अंबेडकर का नाम लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस बयान को लेकर विपक्षी दलों ने शाह पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया था। वहीं, बीजेपी ने शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का दावा किया।
RLD की कार्रवाई
RLD का यह कदम राजनीतिक रूप से अहम है, क्योंकि यह दिखाता है कि पार्टी अपने प्रवक्ताओं से अपमानजनक बयानों को लेकर सख्त है। इस फैसले से यह भी स्पष्ट होता है कि पार्टी किसी भी विवाद से बचने के लिए शीघ्र कार्रवाई करती है। अब देखना यह है कि इस घटना का उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ता है और पार्टी अपनी छवि को किस तरह से संभालती है।