Sambhal temple opened: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, पुलिस ने 30 साल से बंद पड़े एक मंदिर को दोबारा खोलने का कार्य किया। धार्मिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, पुलिस अधिकारियों ने मंदिर की सफाई की और पूजा-अर्चना के साथ मंदिर में घंटा बजाकर इसकी शुरुआत की। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इलाके में मुस्लिम आबादी अधिक होने और तनावपूर्ण माहौल के चलते हिंदू समुदाय ने पलायन कर लिया था, जिसके कारण मंदिर लंबे समय से बंद पड़ा था।
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे और उसके सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद जिले में तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने हालात सामान्य बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।
संभल से बड़ी खबर…
30 सालों से बंद हिंदू मंदिर को प्रशासन ने खुलवाया…
प्रशासन ने 30 साल पुराने हनुमान मंदिर को खुलवाया
संभल के हिंसा वाले इलाके में मौजूद था हनुमान-शिव मंदिर
संभल के दीपा सराय में मिला मंदिर#Sambhal #HanumanMandir #UPPolice #HinduTemple #UttarPradesh pic.twitter.com/ChVLPyzQNc
— News1India (@News1IndiaTweet) December 14, 2024
मंदिर खुलने से क्षेत्र में नया संदेश
मंदिर के पुनः उद्घाटन को स्थानीय प्रशासन ने सामुदायिक सौहार्द्र के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं सफाई अभियान में हिस्सा लिया और पूजा-अर्चना के बाद मंदिर को आम जनता के लिए खोल दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम हिंदू समुदाय के लिए एक नई शुरुआत है। चामुंडा मंदिर के महंत मुरली सिंह ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र में सामुदायिक शांति स्थापित करने का प्रयास है।
सांप्रदायिक तनाव के बीच सौहार्द्र की कोशिश
हाल ही में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावों और कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वे के दौरान हुई हिंसा से संभल में चार लोगों की मौत और 29 पुलिसकर्मियों के घायल होने जैसी घटनाओं ने माहौल को गंभीर बना दिया था। इस दौरान प्रशासन ने तनाव कम करने के लिए लाउडस्पीकर नियम लागू किए और धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया।
प्रशासन की सख्ती और शांति प्रयास
मंदिर खुलने के साथ ही प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी अभियान भी चलाया। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए सभी नेताओं के संभल जाने पर रोक लगाई गई है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को जिले में प्रवेश से रोका गया है।
संभल में मंदिर के खुलने को धार्मिक सौहार्द्र के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है, जहां पुलिस और प्रशासन का यह प्रयास शांति और सद्भाव का संदेश दे रहा है।