लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की थी। जिससे सीओ अनुज चौधरी समेत 27 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। तब डीएम, एसपी और घायल सीओ ने महज कुछ घंटों के अंदर शहर को शांत करा लिया था। संभल अब खुश है। पुलिस का कुछ इलाकों में पहरा है। दुकानें खुल चुकी हैं और बाजार पहले की तरह ही गुलजार हैं। इनसब के बीच जिले के आलाधिकारी भी अलर्ट रहते हुए जहां बवालियों पर शिकंजा कस रहे हैं तो वहीं बिजली चोरों के खिलाफ ऑपरेशन लांच किया हुआ है। रेड के दौरान पुलिस को शिव और हनुमान के मंदिर के बारे में जानकारी मिली, जो 46 साल से बंद थे। ऐसे में अधिकारियों ने मंदिर के कपाट खुलवाए और पूजा-अर्चना की अनुमति देकर भक्तों का दिल जीत लिया।
बड़े पैमाने पर बिजली चोरी मिली
संभल हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन को जानकारी मिली थी कि यहां मस्जिद और मदरसों से पूरे मोहल्ले को बिजली सप्लाई की जा रही थी। डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में सीओ अनुज चौधरी के साथ ही तहसील नगर पालिका, बिजली विभाग की टीम ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय, खग्गू सराय, अंजुमन सहित कई इलाकों में छापा मारा। रेड के दौरान बड़े पैमाने पर बिजली चोरी मिली। कई मस्जिद और मदरसों से आसपास के इलाकों के घरों को बिजली सप्लाई दिए जाने की बात भी सामने आई है। अधिकारियों ने रेड के दौरान बिजली चोरी तो पकड़ने के साथ ही खग्गू सराय में एक कुएं को कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई की।इसके अतिरिक्त जहां-जहां अतिक्रमण मिला वहां पर बुलडोजर चला।
मस्जिद और मदरसे में बिजली चोरी पकड़ी गई
डीएम डॉक्टर राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि हम लोग सुबह 5 बजे लाउड स्पीकर की चेकिंग के लिए आए थे तो कई जगह बिजली चोरी पकड़ी गई। 250 से 300 घरों के अलावा मस्जिद और मदरसे में बिजली चोरी पकड़ी गई। एक छत से 150 से 200 घरों को बिजली सप्लाई की जा रही थी। पूरी छत को एक अवैध बिजली घर का रूप दिया हुआ था। इस मामले में मुकदमा भी कराएंगे और वसूली भी होगी। संभल को शत प्रतिशत बिजली से मुक्त कराएंगे। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शनिवार सुबह लाउडस्पीकर को लेकर मंदिरों और मस्जिदों में चेकिंग की जा रही थी, जिसमें अवैध रूप से बिजली चोरी करने वालों के लिए बिजली विभाग की टीम बनाई गई। उन्हें सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। यह अभियान नखासा थाना क्षेत्र में छंगा मल की कोठों, लदनिया मस्जिद आदि में चलाया गया। यहां बिजली चोरी की जा रही थी।
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी
एसपी ने बताया, अभी 4 मस्जिद प्रकाश में आई हैं, जिनके ऊपर बिजली के तार हैं, वहां से पूरे मोहल्ले को बिजली जा रही है। इसकी जांच की जाएगी और अभियोग भी पंजीकृत किया जाएगा। एक मस्जिद की मीनार के ऊपर पूरा पावर हाउस बनाकर उनके द्वारा बिजली दी जा रही थी। यदि इनके द्वारा मोहल्ले के सभी लोगों से शुल्क वसूला जा रहा होगा तो इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। बिजली विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर नवीन गौतम ने बताया कि मोहल्ला नई सराय स्थित लधनियों वाली मस्जिद से दो एसी, 40 पंखे, 57 एलईडी, 1 वाटरकूलर, 1 समरसेबल चल रहे थे. इस मस्जिद की छत पर पावर हाउस बना हुआ था, जिससे 100 घरों में चोरी की बिजली सप्लाई की जा रही थी। वहीं मोहल्ला खग्गू सराय के घरों से 10 मीटर, 10 हीटर, 01 ई-रिक्शा का चार्जर, 01 बड़ा पानी का हीटर पकड़ा गया है।
46 साल बाद खुले मंदिर के पट
बिजली चोरी के खिलाफ बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के दौरान 46 साल से बंद भगवान शिव का मंदिर खुलवाया गया। यह मंदिर महमूद खा सराय इलाके में एक बंद मकान में पाया गया, जो 1978 के दंगे के दौरान हिंदू परिवार का था। बाद में मकान बेच दिया गया और तब से यह बंद पड़ा था। डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपीकृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में मंदिर की सफाई कराई गई और कुएं की खुदाई शुरू कराई गई है। डीएम पेंसिया ने बताया कि मकान के मालिकाना हक को लेकर जांच की जा रही है। प्राचीन कुएं के ऊपर रैंप बनाया गया था। रैंप हटाने पर कुआं मिला। मंदिर को उसके असली मालिकों को सौंपा जाएगा और अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही पुरातत्व विभाग (एएसआई) से मंदिर की प्राचीनता का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराने को कहा गया है।
दी गई पूजा-अर्चना करने की अनुमति
एसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ लोगों ने मंदिर पर कब्जा कर घर बना लिए थे। मंदिर में भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियां मौजूद हैं। पहले इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन किसी कारणवश क्षेत्र छोड़कर चले गए। मंदिर को अब साफ कराया जा रहा है और अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। संभल के सीओ अनुज कुमार चौधरी का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि इलाके में एक मंदिर पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस की एक टीम पहुंची और मौके का जायजा लिया। यहां एक मंदिर मिला, जिसे पुलिस प्रशासन ने खोला है। मंदिर की साफ-सफाई पुलिस की टीम ने की है। प्रशासन ने इस मंदिर में हिंदू समुदाय को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दे दी है।
कौन हैं संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं। आईएएस बनने से पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सरकारी टीचर के रूप में की थी और बाद में वह राजस्थान लोक सेवा आयोग की तैयारी में जुट गए। उनका चयन बीडीओ के पद पर हो गया। इसके बाद डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने फिर से राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और इस बार वह एसडीएम के पद पर चुन लिए गए। डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने यूपीएससी परीक्षा दी और उन्हें 345वीं रैंक मिली। डॉ. राजेंद्र पैंसिया आईएएस अधिकारी बन गए। ट्रेनिंग के बाद साल 2016 में उन्हें यूपी के मिर्जापुर में सहायक मजिस्ट्रेट/सहायक कलेक्टर के पद पर पहली पोस्टिंग मिली। उसके बाद से वह इटावा, मथुरा, आगरा और लखनऊ जैसी जगहों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ. राजेंद्र पैंसिया की पहचान इमानदार और तेज-तर्राक अफसरों में होती है।
कौन हैं संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई
कृष्ण कुमार बिश्नोई 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। फिलहाल वह वर्तमान में संभल के एसपी के पद पर तैनात हैं। राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले बिश्नोई का कार्यकाल अब तक बेहद सफल रहा है। इससे पहले गोरखपुर में एसपी सिटी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई माफियाओं, जैसे अजीत शाही, विनोद उपाध्याय और सुधीर सिंह, के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। उन्होंने इन माफियाओं की 803 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त कीं और जिले के शीर्ष 10 अपराधियों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया। बिश्नोई अपनी कड़क छवि और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में पैरवी को हतोत्साहित किया और जनता को सीधा संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कौन हैं संभल के सीओ अनुज चौधरी
जानकारी के मुताबिक संभल सीओ अनुज कुमार चौधरी मुजफफरनगर जिले के रहने वाले हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ा चुके हैं। अनुज चौधरी ने वर्ष 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते थे। यही नहीं अनुज चौधरी 1997 से 2014 तक कुश्ती में नेशनल चैंपियन भी रहे। 2001 में अनुज चौधरी को लक्ष्मण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, वहीं 2005 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिला। यूपी सरकार ने स्पोर्टस कोटे से उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती किया और उन्हें वर्ष 2012 में डिप्टी एसपी बना दिया। संभल हिंसा के दौरान सीओ अनुज चौधरी दंगाईयों से सीधा मोर्चा लिया। बवालियों की गोली से वह घायल भी हो गए थे।