Sambhal Jama Masjid survey violence: हिंसा के बाद, संभल जिले में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। डीएम के आदेश पर इंटरनेट को फिर से शुरू किया गया है, ताकि जनता को अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में कोई रुकावट न हो। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मामले की जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सपा सांसद Ziaur Rahman Barq दंगा भडकाने की FIR,
सपा सांसद जियाउर रहमान बारक पर दंगा भड़काने का आरोप लगा है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की है और आरोपित को जल्द पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, बारक ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि वह हमेशा शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द्र के पक्षधर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है। मामले में जांच जारी है और प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है।
संभल में हुई हिंसा को लेकर दो थानों में कुल 7 मामले दर्ज किए गए हैं। एसपी संभल ने बताया कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और स्थानीय सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को भी आरोपित किया गया है। दंगाई को भड़काने का आरोप लगाते हुए सांसद ने कहा कि यह एक पूर्व-निर्धारित घटना थी, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ। सांसद ने यह भी कहा कि जुमे की नमाज पढ़ने से उन्हें रोका गया और उस दिन जय श्री राम के नारे लगाए गए थे। डीएम और एसपी ने घटनास्थल का सर्वे भी कराया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संभल में हुई हिंसा पर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपाती और जल्दबाज़ी में लिया गया निर्णय बेहद दुखद है। जिन लोगों ने हिंसा और फायरिंग में अपने प्रियजन खोए हैं, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन ने बिना सभी पक्षों की बात सुने और असंवेदनशीलता से कार्रवाई की, जिससे माहौल और बिगड़ गया और कई लोगों की जानें गईं। इस संकट की मुख्य जिम्मेदार भाजपा सरकार है।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा सरकार का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमानों के बीच भेदभाव और दरार पैदा करने के लिए करना न केवल प्रदेश, बल्कि देश के हित में नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्दी हस्तक्षेप की मांग की और सभी से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि हमें एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना है कि भारत साम्प्रदायिकता और नफरत के बजाय एकता और संविधान के मार्ग पर आगे बढ़े।
संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2024
मस्जिद में सर्वे के दौरान बिगड़े हालात
Sambhal की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर डीएम और एसपी की मौजूदगी में सर्वे किया जा रहा था। सुबह 11 बजे के करीब जब सर्वे खत्म हुआ और टीम बाहर निकलने लगी, तभी मस्जिद के बाहर भीड़ जमा हो गई। विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस और प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल किया।
मुरादाबाद कमिश्नर आञ्जनेय सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान चार लोगों- नईम, बिलाल, नोमान, और कैफ की मौत हुई। वहीं, कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें एक सीओ और पुलिस अधीक्षक के पीआरओ शामिल हैं। घटना के दौरान कुछ उपद्रवियों ने गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
15 गिरफ्तार, इंटरनेट और स्कूल बंद
Sambhal पुलिस ने हिंसा के आरोप में 15 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि महिलाएं छत से पत्थर फेंक रही थीं। डीएम ने हिंसा के बाद संभल तहसील में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इसके अलावा, 25 नवंबर तक नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
विपक्ष और मुस्लिम नेताओं का प्रशासन पर हमला
घटना को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा और आप ने प्रशासन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस की बर्बरता को लेकर संसद में मुद्दा उठाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “यह घटना प्रशासन की नाकामी और लोगों के मौलिक अधिकारों के हनन का प्रतीक है।”
वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पुलिस पर निशाना साधते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “संभल में पुलिस द्वारा फायरिंग कर तीन युवाओं की जान लेना अमानवीय है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।”
न्यायपालिका पर भी उठे सवाल
कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने न्यायपालिका पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ जाकर सर्वे का आदेश दिया गया। यह संविधान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन है।” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप और संबंधित जज की बर्खास्तगी की मांग की।
Sambhal हिंसा के बाद अन्य जिलों में अलर्ट
Sambhal की घटना के बाद फिरोजाबाद और रामपुर जैसे आसपास के जिलों में पुलिस अलर्ट पर है। संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च और फ्लैग मार्च के जरिए शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। धर्मगुरुओं के साथ पुलिस की बैठकें भी हो रही हैं।
निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
इस घटना ने एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष और मुस्लिम समुदाय ने सरकार से न्याय और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि हिंसा भड़काने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।