Sant Kabir Nagar: उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जो पारंपरिक सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देती है और निस्वार्थ भाव का अनूठा उदाहरण पेश करती है। यहां धनघटा थाना क्षेत्र के एक गांव में एक पति ने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करा दी और अपने दो मासूम बच्चों को अपने पास रख लिया। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और लोगों के बीच हैरानी का कारण बनी हुई है।
मंदिर में हुई पत्नी की दूसरी शादी
यह पूरा मामला संत कबीरनगर के धनघटा थाना क्षेत्र के कटार जोत गांव का है। यहां रहने वाले बबलू पुत्र कल्लू ने अपनी पत्नी राधिका की शादी उसके प्रेमी से कराने का फैसला लिया। पहले बबलू ने कोर्ट में अपनी पत्नी के साथ नोटरी कराई और फिर एक मंदिर में राधिका की शादी उसके प्रेमी के साथ संपन्न कराई। यह खबर जंगल की आग की तरह फैली और पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।
9 साल पुरानी शादी टूटी.. बच्चे छूटे
जानकारी के अनुसार बबलू और राधिका की शादी साल 2017 में हुई थी। राधिका गोरखपुर जिले के बेल घाट थाना क्षेत्र के भूलनचक गांव की रहने वाली थी और उसके पिता का नाम तौली राम है। शादी के बाद दोनों के दो बच्चे हुए- सात साल का बेटा आर्यन और दो साल की बेटी शिवानी। दोनों पति-पत्नी खुशी से अपना जीवन बिता रहे थे लेकिन समय के साथ रिश्तों में दरार आ गई। गांव के ही एक युवक से राधिका का प्रेम संबंध शुरू हो गया जो धीरे-धीरे पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया।
पति ने रखी शर्त.. पत्नी ने चुना प्रेमी
जब बबलू को पत्नी के प्रेम संबंध की जानकारी हुई तो उसने पहले उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने गांव वालों के सामने यह प्रस्ताव रखा कि राधिका खुद तय करे कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है या प्रेमी के साथ। राधिका ने प्रेमी को चुन लिया जिसे सुनकर समाज स्तब्ध रह गया। बबलू ने कहा, “ठीक है.. हम तुम्हारी शादी तुम्हारे प्रेमी से करा देते हैं। बच्चों को मैं खुद पाल लूंगा।” राधिका बच्चों को छोड़ने के लिए भी तैयार हो गई। इसके बाद गांव वालों ने मंदिर में राधिका और उसके प्रेमी का जयमाला कराया जिसमें बबलू मूक साक्षी बना रहा।
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रोजी-रोटी की तलाश में बाहर रहता था बबलू
बबलू रोजी-रोटी कमाने के लिए अक्सर घर से बाहर रहता था। इसी दौरान राधिका का गांव के एक युवक से प्रेम संबंध शुरू हुआ और यह रिश्ता लंबे समय तक चलता रहा। जब परिवार वालों (Sant Kabir Nagar) को इसकी भनक लगी तो उन्होंने बबलू को सूचना दी। घर लौटने पर बबलू ने सारी परिस्थितियों को देखते हुए यह कड़ा फैसला लिया। उसने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के हवाले कर दिया और बच्चों के साथ अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने का रास्ता चुना।
समाज के लिए उदाहरण बना ये मामला
यह घटना बेहद असामान्य है क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामलों में समाज में तनाव, झगड़े या यहां तक कि हत्या जैसी वारदातें देखने को मिलती हैं। लेकिन बबलू ने इन सबको दरकिनार करते हुए एक अनोखी मिसाल पेश की। उसने न केवल अपनी पत्नी की खुशी को प्राथमिकता दी बल्कि अपने बच्चों की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले ली। यह घटना (Sant Kabir Nagar) समाज के लिए एक संदेश है कि प्यार और परिवार के बीच संतुलन बनाना कितना मुश्किल हो सकता है। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि इन दो मासूम बच्चों का क्या कसूर था जिनसे उनकी मां इतनी दूर चली गई।
चर्चा में बना यह अनोखा मामला
बबलू का यह कदम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां कुछ लोग इसे निस्वार्थ भाव और उदारता की मिसाल मान रहे हैं वहीं कुछ इसे सामाजिक ढांचे पर सवाल उठाने वाली घटना के रूप में देख रहे हैं। यह घटना निश्चित रूप से समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों की परिभाषा और जिम्मेदारियों का निर्वहन हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है।