UP Sarkari Yojana: शिमला मिर्चा एक ऐसी फसल है जिसे किसान मात्र 75 दिनों में तैयार कर सकते हैं और बाजार में अच्छे दाम पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को शिमला मिर्च की खेती पर 75% तक अनुदान देने की योजना शुरू की है, जिससे बागवानी को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत, गंगा तटीय इलाके में शिमला मिर्च की खेती पर जोर दिया जा रहा है और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को शिमला मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। योगी सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में किसानों को शिमला मिर्च की खेती पर 75% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना किसानों को पारंपरिक फसलों से बाहर जाकर बागवानी की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। शिमला मिर्च एक ऐसी फसल है जो केवल 75 दिन में तैयार हो जाती है और इसे अच्छे दाम पर बेचा जा सकता है, जिससे किसान त्वरित मुनाफा कमा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के गंगा तटीय इलाके में इस वर्ष शिमला मिर्च की खेती का लक्ष्य 35 हेक्टेयर तय किया गया है। किसानों को बागवानी की ओर आकर्षित करने के लिए इस योजना का लाभ देने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक 90 किसानों ने इस योजना में पंजीकरण कराया है और जल्द ही उन्हें बीज उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे समय से अपनी फसल उगा सकें।
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Shimla Mirch का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते हैं और कई प्रकार की बीमारियों से बचाव करते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प साबित हो सकती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
शिमला मिर्च की खेती के लिए प्रत्येक हेक्टेयर में लगभग 50,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन 70% तक की सब्सिडी मिलने से किसानों की लागत काफी कम हो जाएगी। यह योजना किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का मौका देती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत गंगा तटीय क्षेत्र में शिमला मिर्च की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।