• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, September 5, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home Latest News

कहानी उस प्रथम शिवलिंग की, जिसकी ब्रह्मा-विष्णु ने की थी पहली पूजा, जानें शिव के लिंगम स्वरूप का क्या है महत्व

सावन का पवित्र महिना चल रहा है। पूरे देश में शिवालय सजे हुए हैं और मंदिरों के बाहर सुबह से लेकर देरशाम तक भक्तों की कतारें लगी रहती हैं। शिव भक्त श्रद्धा भाव से जलाभिषेक कर पुण्य कमा रहे हैं।

by Vinod
July 19, 2025
in Latest News, उत्तर प्रदेश, धर्म
0
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सावन का पवित्र महिना चल रहा है। पूरे देश में शिवालय सजे हुए हैं और मंदिरों के बाहर सुबह से लेकर देरशाम तक भक्तों की कतारें लगी रहती हैं। शिव भक्त श्रद्धा भाव से जलाभिषेक कर पुण्य कमा रहे हैं। कांवड़ियों के जत्थे बाबा के जलाभिषेक के लिए निकल पड़े हैं। भक्तों के मन में जहां एक और उमंग आनंद और उत्साह है, तो वहीं मेघ भी महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको बाबा औघड़दानी महादेव शिव के लिंगम स्वरूप के बारे में बताने जा रहे हैं। महादेव के शिवलिंग का क्या महत्व है और किसी प्रतिमा के बजाय शिवजी के इस स्वरूप की इतनी मान्यता क्यों है।

ब्रह्मांड का मानचित्र है शिवलिंगम

भगवान महादेव के शिवलिंगम की उत्पत्ति के बारे में हिन्दू पुराणों में इसका विस्तार से जिक्र है। बात अगर शिवलिंगम की उत्पत्ति की है तो सबसे पहले यही जान लेते हैं कि लिंगम है क्या। असल में लिंग पहचान करने वाले चिह्न को कहते हैं, ‘आकृति जाति लिंगाख्या’। शिव पुराण में जिक्र आता है कि सबसे पहला लिंग ज्योति स्तंभ स्वरूप है, जो ओम प्रणव कहलाता है। यह सूक्ष्म लिंगम प्रणव रूप तथा निष्कल है। इसके अलावा यह संपूर्ण ब्रह्मांड ही स्थूल लिंग स्वरूप है। शिवलिंग की आकृति ही ब्रह्मांड की आकृति है। यह एक तरह से ब्रह्मांड का ही मानचित्र है। संपूर्ण जगत को ही लिंगभूत माना गया है। जैसे भगवान विष्णु के अव्यक्त ईश्वर रूप का प्रतीक शालिग्राम रूप पिंडी है, वैसे ही भगवान शिव के अव्यक्त ईश्वर रूप की प्रतिमा लिंगम रूप पिंडी है।

Related posts

Fake IAS Officer: राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ बेनकाब, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

Fake IAS Officer: राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ बेनकाब, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

September 4, 2025
ABVP के पक्ष में उतरे पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बताया हल्का आदमी

ABVP के पक्ष में उतरे पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बताया हल्का आदमी

September 4, 2025

तब प्रकट हुए भगवान महादेव

पंडित बलराम तिवारी बताते हैं कि भगवान ब्रह्मा एक दिन स्वेच्छा से घूमते हुए क्षीरसागर पहुंचे। भगवान नारायण शुभ, श्वेत, हजार फन वाले शेषनाग की शैय्या पर शांत लेटे हुए थे। श्री महालक्ष्मी उनकी चरण सेवा कर रही थीं। परमपिता ब्रह्मा को इस बात पर क्रोध आ गया कि मैं जगत पिता हूं उनके पास क्षीरसागर में आया हूं और यह मेरा उचित सम्मान नहीं कर रहे हैं। ब्रह्माजी ने क्रोध में नारायण जी पर प्रहार कर दिया। तब श्री नारायण के दाहिने अंग से भगवान विष्णु प्रकट हो गए और दोनों में युद्ध छिड़ गया। ब्रह्मा जी हंस पर और विष्णु जी गरुड़ पर बैठकर युद्ध करने लगे। ब्रह्माजी ने ’पाशुपत’ और विष्णु जी ने ’महेश्वर’ अस्त्र उठा लिए। भगवान शिव ने यह देखा तो दोनों के मध्य अनादि अनंत ज्योतिर्मय स्तंभ के रूप में प्रकट हो गए।

ज्योतिर्लिंग में लीन हो गए

पंडित बलराम तिवारी बताते हैं कि महेश्वर और पशुपत दोनों अस्त्र शांत होकर इस ज्योतिर्लिंग में लीन हो गए। ब्रह्मा-विष्णु दोनों चौंके कि हम दोनों से भिन्न यह तीसरा तत्व कहां से प्रकट हुआ। इसके आदि-अंत का पता लगाना चाहिए। जो भी इसके आदि अंत का पता लगा लेगा वही हम दोनों में श्रेष्ठ होगा। ब्रह्मा जी हंस वाहन पर ऊपर गए, विष्णु जी वाराह का रूप धारण कर उस लिंगम के नीचे की ओर चल पड़े और पाताल पहुंच गए। लेकिन श्रीहरि मूल का पता नहीं लगा सके और खिन्न होकर वापस आ गए। उधर, ब्रह्मा को ऊपर से गिरता हुआ केतकी का एक पुष्प मार्ग में मिला और रास्ते में एक गाय मिली।

पंचम मुख को काट दिया

पंडित बलराम तिवारी बताते हैं कि ब्रह्माजी ने दोनों को अपनी ओर मिला लिया। ब्रह्मा जी ने कहा मैंने ऊपर अंत तक पहुंच कर पता लगा लिया है। साक्षी में यह केतकी का पुष्प और गाय हैं। गाय और पुष्प एवं ब्रह्मा जी ने असत्य बोला। विष्णु जी ने सत्य कहा कि मैं आदि का पता नहीं लग सका, आप जीते मैं हारा आप श्रेष्ठ हैं। इस तरह विष्णु जी जैसे ही ब्रह्मा जी की पूजा करने को आगे बढ़े तुरंत ही ज्योतिर्लिंग स्तंभ में से साक्षात शिवशंकर प्रकट हुए। उन्होंने भौंह का एक बाल उखाड़ कर पृथ्वी पर मारा और भैरव प्रकट हो गए। शिवजी की आज्ञा से भैरव ने ब्रह्मा जी के असत्य भाषण करने वाले पंचम मुख को काट दिया। तब से ब्रह्माजी चतुर्मुख हो गए।

ऐसे पड़ी शिवाभिषेक की परंपरा

शिव जी ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया तुम्हारी लोक में पूजा नहीं होगी क्योंकि तुमने असत्य बोला। तुम्हारी पूजा केवल यज्ञ कर्म में और पुष्कर में ही होगी। केतकी पुष्प को श्राप दिया कि आज से मेरी और किसी भी देवता की पूजा में तू नहीं होगी सिर्फ मंडप सजावट में तेरा प्रयोग होगा। भगवान विष्णु को सत्य भाषण के कारण वरदान दिया ’तुमको ईश्वरत्व प्राप्त’ हो । शिव ने आदेश दिया यह लिंगम निष्कल ब्रह्म, निराकार ब्रह्म का प्रतीक है। इसकी अर्चना करते रहो। विष्णु और ब्रह्मा जी ने उस लिंगम स्तंभ की पूजा अर्चना की और गंगाजल से अभिषेक किया और तब से शिवाभिषेक की परंपरा चल पड़ी।

पार्थिव लिंग सभी लिंगों में सर्वश्रेष्ठ

विष्णु और ब्रह्मा जी के आग्रह पर भगवान शिव जगत के कल्याण के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग में विभक्त हो गए तभी से द्वादश ज्योतिर्लिंग पूजा निरंतर चली आ रही है। वैदिक कर्मों के प्रति श्रद्धा भक्ति रखने वाले लोगों के लिए पार्थिव लिंग सभी लिंगों में सर्वश्रेष्ठ है। इसके पूजन से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। जिस तरह सतयुग में रत्न का, त्रेता में स्वर्ण का, व द्वापर में पारे का महत्व है, उसी तरह कलयुग में पार्थिव लिंग का बहुकत महत्वपूर्ण स्थान है। जिस तरह से गंगा नदी सभी नदियों में श्रेष्ठ एवं पवित्र मानी जाती है उसी तरह पार्थिव लिंग सभी लिंगों में सर्वश्रेष्ठ है।

उपासक को भोग और मोक्ष

पंडित बलराम तिवारी कहते हैं, पार्थिव लिंग का पूजन धन-वैभव, आयु और लक्ष्मी देने वाला तथा संपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने वाला है। जो मनुष्य भगवान शिव का पार्थिव लिंग बनाकर प्रतिदिन पूजा करता है वह शिव पद एवं शिवलोक को प्राप्त करता है। बुद्धि की प्राप्ति के लिए एक हजार पार्थिव शिवलिंग, धन की प्राप्ति के लिए डेढ़ हजार शिवलिंगों तथा वस्त्र आभूषण प्राप्ति के लिए 500 शिवलिंगों का पूजन करें। भूमि का इच्छुक 1000, दया भाव चाहने वाला 3000, तीर्थ यात्रा करने की चाह रखने वाले को 2000 तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए इच्छुक मनुष्य को एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगों की पूजा-आराधना करें। पार्थिव लिंगों की पूजा करोड़ यज्ञों का फल देने वाली है तथा उपासक को भोग और मोक्ष प्रदान करती है।

 

Tags: 2025 Sawan festivalLord ShivaSawan festival 2025Sawan special story 2025
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Dhadak 2 trailer : ‘धड़क 2’ में फिर दिल जीत ले गईं कौन सी एक्ट्रेस, दिखाया सादगी और अभिनय का शानदार मेल

Next Post

Mathura News: भीषण सड़क हादसे से दहल उठा यमुना एक्सप्रेस-वे, ईको में सवार छह लोगों की दर्दनाक मौत

Vinod

Vinod

Next Post
Mathura News: भीषण सड़क हादसे से दहल उठा यमुना एक्सप्रेस-वे, ईको में सवार छह लोगों की दर्दनाक मौत

Mathura News: भीषण सड़क हादसे से दहल उठा यमुना एक्सप्रेस-वे, ईको में सवार छह लोगों की दर्दनाक मौत

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UPCA
Fake IAS Officer: राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ बेनकाब, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

Fake IAS Officer: राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ बेनकाब, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क, लग्जरी गाड़ियां और नकली दस्तावेज बरामद

September 4, 2025
China Victory Day Parade: पीएम मोदी ने क्यों छोड़ी चीन की विक्ट्री डे परेड, जानिए क्या है इसके पीछे गहरा राज

China Victory Day Parade: पीएम मोदी ने क्यों छोड़ी चीन की विक्ट्री डे परेड, जानिए क्या है इसके पीछे गहरा राज

September 4, 2025
GST New Rates Update: दिवाली से पहले देशवासियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफ़ा जानिए क्या क्या हुआ सस्ता

GST New Rates Update: दिवाली से पहले देशवासियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफ़ा जानिए क्या क्या हुआ सस्ता

September 4, 2025
ABVP के पक्ष में उतरे पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बताया हल्का आदमी

ABVP के पक्ष में उतरे पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बताया हल्का आदमी

September 4, 2025
काम नहीं आई सपा नेता की ‘छुपम-छुपाई’, टांड पर चढ़ा, गद्दे के पीछे छिपा, फिर भी पकड़ा गया अखिलेश का करीबी

काम नहीं आई सपा नेता की ‘छुपम-छुपाई’, टांड पर चढ़ा, गद्दे के पीछे छिपा, फिर भी पकड़ा गया अखिलेश का करीबी

September 4, 2025
Amroha News : सक्सेसफुल हुई छोटी बहन की लव स्टोरी, कुछ तरह से साली बनी जीजा की ‘घरवाली’

Amroha News : सक्सेसफुल हुई छोटी बहन की लव स्टोरी, कुछ तरह से साली बनी जीजा की ‘घरवाली’

September 4, 2025
Release on bail: कौन हैं वह डॉन जिससे डरता था दाऊद इब्राहिम भी, कितने साल बाद नागपुर जेल से बाहर आया

Release on bail: कौन हैं वह डॉन जिससे डरता था दाऊद इब्राहिम भी, कितने साल बाद नागपुर जेल से बाहर आया

September 4, 2025
Invest UP की बड़ी योजना, जानिए गोल मेज सम्मेलन और रोड शो के जरिए कैसे जुटाएगा विदेशी निवेश

Invest UP की बड़ी योजना, जानिए गोल मेज सम्मेलन और रोड शो के जरिए कैसे जुटाएगा विदेशी निवेश

September 4, 2025
Bhadohi

Bhadohi में फर्जी म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी ने 93 करोड़ की ठगी कर फरार हुए निदेशक, ऑफिस में लटक रहा ताला

September 4, 2025
UP PET Exam 2025:क्या परिवहन मंत्री के अतिरिक्त बस सेवा और सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश से परीक्षार्थियों को सुविधा मिलेगी

UP PET Exam 2025:क्या परिवहन मंत्री के अतिरिक्त बस सेवा और सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश से परीक्षार्थियों को सुविधा मिलेगी

September 4, 2025
news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version