कौन था शंकर कनौजिया, जो लोगों की हत्या कर काट ले जाता था सिर, 1 लाख के इनामिया को यूपी STF ने एनकाउंटर में किया ढेर

यूपी एसटीएफ ने शनिवार की सुबह आजमगढ़ जिले में एक लाख के इनामी बदमाश शंकर कनौजिया एनकाउंटर में ढेर कर दिया।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी एसटीएफ ने शनिवार की सुबह आजमगढ़ जिले में एक लाख के इनामी बदमाश शंकर कनौजिया एनकाउंटर में ढेर कर दिया। मारे गए अपराधी के पास से एसटीएफ ने एक कार्बाइन, एक पिस्टल और कारतूस बरामद किए गए। शंकर पर 9 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे और 2011 से ये फरार चल रहा था। बताया जाता है कि शंकर निर्दोष लोगों की हत्या कर देता और शव से सिर को काटकर ले जाता।

रौनापार थानाक्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी शंकर कनौजिया का आजमगढ़ के अलावा आसपास के लिए में खौफ था। शातिर अपराधी को लोग रियललाइफ का गब्बर सिंह के नाम से पुकारते थे। शंकर पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। बदमाश को दबोचने के लिए आजमगढ़ की पुलिस के साथ एसटीएफ को लगाया गया था। एसटीएफ ने सटीक सूचना पर जहानागंज थाना इलाके में शंकर को घेर लिया और सरेंडर करने को कहा। लेकिन बदमाश ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में शंकर मारा गया।

जानकारी मुताबिक, आजमगढ़ के रौनापार थाना इलाके में 11 जुलाई 2024 को सिर कटी लाश बरामद हुई थी। जिसकी पहचान शैलेंद्र के रूप में हुई थी। इस घटना को तीन आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया था। इस मामले में अभी तक सिर नहीं मिला है। इन तीन आरोपियों में से दो आरोपियों को 15 जुलाई को रामछवि उर्फ दबिया और छांगुर को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि एक आरोपी शंकर कनौजिया जो कि जिले के रौनापार थाना क्षेत्र का रहने वाला था, लगातार फरार चल रहा था।

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने गोरखपुर से फर्जी कागजों के सहारे पिकअप बुक कर वारदात का प्लान बनाया था। तीन जुलाई को ड्राइवर शैलेंद्र को लाटघाट बुलाकर खाद्य पदार्थ में जहरीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह अचेत हो गया और उसकी हत्या कर वाहन लूट लिया गया। पुलिस ने पहले ही आरोपियों से घटना में प्रयुक्त तमंचा, फावड़ा, दो मोबाइल और पिकअप बरामद कर लिया था। आरोपी के खिलाफ हत्या, लूट, हत्या के प्रयास जैसे कुल नौ गंभीर आपराधिक मुकदमें दर्ज थे।

पुलिस का कहना है कि शंकर लगातार फरार रहते हुए अपने गैंग के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा था। शंकर कनौजिया ने वर्ष 2011 में दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान उसने विंध्याचल पांडे की गला रेतकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से वह पुलिस की पकड़ से दूर रहा। पुलिस के अनुसार, शंकर और उसका गिरोह पूर्वांचल क्षेत्र में सक्रिय था। उसके आतंक बढ़ जाने के बाद लोग उसके नाम से खौफ खाते थे। अब एसटीएफ की कार्रवाई से पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।

 

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