श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण का काम जारी है। जिसके लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूरे होने की उम्मीद भी है। मंदिर निर्माण से जुड़े एजेंसियों और रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें तो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का नींव तैयार है, औऱ मंदिर के स्तंभ जोड़ने का काम जून से शुरू होगा। चंपत राय ने बताया कि साल 2023 में दिसंबर महीने तक भगवान श्री रामलला अपने अस्थाई टैंट से निकलकर मंदिर में विराजमान होंगे। इसके साथ ही श्रीरामलला को इस अस्थायी मंदिर से गर्भगृह में स्थापित करने की पूजा-अर्चना के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे।
अगर बात श्रीराम मंदिर की संरचना की करें तो गर्भगृह के सामने बनने वाले विशाल मंडप के स्तंभों में श्रीराम के बालरूप के दर्शन उनके भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ होंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से जुड़े सदस्य की मानें तो मंदिर की नींव के ऊपर 21 फीट ऊंचे चबूतरे के पहली लेयर का काम पूरा हो गया है। इसके अलावा अभी 7 लेयर का काम बाकी है। जिसके जून तक पूरे हो जाने की उम्मीद है। ट्रस्ट के मुताबिक, प्रतिदिन करीब 80 से 100 पत्थर लगाए जा रहे हैं।
अगर बात निर्माणाधीन राम मंदिर की करें तो ये तीन मंजिला होगा। जिसके गर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान होंगे। इसके बाद पहले तल पर रामदरबार होगा, जिसमें भगवान राम सहित चारों भाई, माता सीता और हनुमान जी को विराजित किया जाएगा।
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर इस तरह से बनाया जा रहा है कि मंदिर में एक दिन में एक लाख राम भक्त पहुंच सकेंगे। इसी बात को ध्यान में रखकर मंदिर के मॉडल में बदलाव भी किया गया था। श्रीराम मंदिर अपने वास्तुकला और निर्माण को लेकर भी काफी चर्चा में है। श्रीराम मंदिर को नागर शैली में बनाया जा रहा है और यह अष्टकोणीय मंदिर होगा।
(वंशिका सिंह)