सद्दाम खान, सिद्धार्थनगर। जिले के जिला कारागार में दस दिवसीय विपश्यना ध्यान कार्यक्रम की नींव तैयार की गई। उत्तर प्रदेश की जेल में इस तरह का यह पहला कार्यक्रम होगा। इससे पहले देश के कुछ जेलों में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है, और उससे जेल में बंद कैदियों में काफी बदलाव भी देखने को मिला था। सिद्धार्थनगर जिला कारागार में बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उच्च अधिकारियों से बात कर और उनके आदेश के बाद जेल परिसर में विपश्यना केंद्र बनाने की भी तैयारी चल रही है।
विपश्यना के लिए प्रशिक्षक ने शुरू किया काम
जेल परिसर में विपश्यना ध्यान प्रशिक्षिका पुष्पा सिंह ने बन्दियों को अनापन की शिक्षा दी। जिससे बन्दियों के अंदर से क्रोध हताश और अपराध बोध जैसी भावनाओं से उनको दूर करने में मदद मिल सके। विपश्यना केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक सचिन वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की जेलो में से पहली बार सिद्धार्थनगर जेल से इस प्राचीन विद्या का शुभारंभ किया जा रहा है। यह प्रदेश के साथ-साथ सिद्धार्थनगर जनपद के लिए गर्व की बात है।
कुछ प्रदेशों में हो चुके हैं ऐसे प्रयोग
अन्य प्रदेशों के कुछ जेलों में यह कार्यक्रम सफल रहा है। जेल अधीक्षक ने कहा कि अगर मुख्यालय से अनुमति मिलती है तो सिद्धार्थनगर जेल में विपश्यना ध्यान केंद्र भी बनाया जाएगा। जेल अधीक्षक सचिन वर्मा ने कहा कि विपश्यना के जरिए जेल में निरुद्ध बंदी भाई अपने भीतर सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं जो उनके जीवन और समाज दोनों के लिए लाभदायक है।
महिला कैदियों से भी कराया जाएगा योग ध्यान
जेल अधीक्षक के मुताबिक जेल में बंद 5 सौ से अधिक पुरुष, महिला कैदियों को विपश्यना ध्यान कराया जाएगा। साथ ही जनवरी माह में 10 दिन का शिविर भी आयोजित किया जाएगा। सचिन वर्मा ने बताया कि 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान कार्यक्रम की नींव तैयार की गई है जिसके लिए विपश्यना ध्यान की प्रशिक्षण पुष्पा सिंह जेल में आई थी और उन्होंने बंदियों को अनापन की शिक्षा दी जेल अधीक्षक सचिन वर्मा ने कहा कि सिद्धार्थनगर जिले में विपश्यना ध्यान कार्यक्रम की शुरुआत होने से वह और यहां के बंदी काफी उत्साहित है। उत्तर प्रदेश में की जेलो में से सिद्धार्थनगर में इसकी शुरुआत हो रही है, यह गर्व की बात है।