सद्दाम खान, सिद्धार्थनगर। जिले के इटवा तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड इटवा के प्राथमिक विद्यालय सेमरा के प्राइमरी विद्यालय में दिये जाने वाले मिड डे मील (Siddharthnagar News) पर सवाल खडा हो रहा है, और जन चर्चा का विषय बना हुआ है। सेमरा प्राइमरी विद्यालय में बच्चों को भोजन के नाम पर केवल खिचडी ही परोसा जा रहा है। बताते चलें कि जिले के अधिकांश विद्यालयों छात्र छात्राओं को मात्र खिचडी ही परोसा जा रहा है।
गरीब बच्चों के लिए मिड डे मील की है योजना
सरकारी स्कूलों में चलाई जाने वाली योजना मिड डे मील यानी मध्यान्ह भोजन योजना की शुरूआत छोटे और गरीब बच्चों की मदद करने के लिए हुई थी। स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन को लेकर साप्ताहिक मेनू बनाये गए है और मेनू में बच्चों को अलग अलग दिन अलग तरह के भोजन देने का प्रावधान है , लेकिन इसमें शामिल अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने इस योजना को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है, आये दिन मध्यानय भोजन को लेकर शिकायतें आती रहती हैं, ताजा मामला यह है कि गुरुवार को इटवा ब्लाक अंतर्गत सरकारी स्कूल सेमरा में बच्चों के थाली में केवल दाल परोसा गया है। और चावल का टुकडा भी थाली में नहीं है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
जानते सब हैं मगर बोलने को कोई तैयार नहीं
नाम न लिखने और छापने के शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी स्कूल सेमरा में पढने वाले बच्चों को मिलने वाला भोजन शुद्धता एवं मीनू के हिसाब से नहीं परोसा जा रहा है और इतना ही नहीं स्वयं सहायता समूह के लोग मासूम स्कूली बच्चों का मध्यान्ह भोजन डकार जा रहे हैं। परंतु उनके विभागीय सेटिंग गेटिंग के खेल पर यह कारनामा वर्षों से चला आ रहा है। आपको बता दें कि विद्यालय में पढने वाले अधिकांश बच्चें दोपहर के स्कूल से मिलने वाले मध्यान्ह भोजन पर ही आश्रित होते हैं।
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शिकायत पर जांच का आश्वासन लेकिन कब होगी कार्रवाई?
वही जब इस संदर्भ में उपजिला अधिकारी इटवा कल्याण सिंह मौर्या ने बताया कि टीम गठित करके जांच किया जाएगा और दोषियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। अधिकारी हर बार यही कहते है (Siddharthnagar News) कि मामला उनके संज्ञान में आया है और मामले की जांच कराई जा रही जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये भी खड़ा होता है कि जो जिम्मेदार अधिकारी है कार्रवाई की बात तो करते है लेकिन वो कार्रवाई कब कहाँ और किस पर की जाती है ये अपने आप मे एक बड़ा सवाल है।