सद्धाम खान, सिद्धार्थनगर। यूपी सरकार की तबादला नीति सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) जिले में फेल नजर आ रही है क्योंकि यहां के कई ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी और सचिव अंगद की तरह पांव जमाकर बैठे हैं। ताजा मामला बांसी ब्लॉक से सामने आया है, जहां बड़े साहबों की मेहरबानी ने सरकार की तबादला नीति को मजाक बनाकर रख दिया है।
यहां जिम्मेदारों के रहमोकरम पर कई पंचायत अधिकारी और सचिव एक दो साल नहीं बल्कि सात सात साल से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। जबकि नियमों के मुताबिक 3 साल बाद उनका स्थानान्तरण हो जाना चाहिए। हैरानी की बात ये है कि बड़े अधिकारी भी इसे लेकर गोलमोल जवाब दे रहे हैं, और कार्रवाई के नाम पर अभी तक नतीजा सिफर ही है।
सरकार की तबादला नीति क्या है ?
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने तबादला नीति में बदलाव किया था। इसके मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी एक जगह पर 3 साल से ज्यादा वक्त तक नहीं रह सकता लेकिन जिले में मामला उलटा है। तीन साल तो छोड़िए कई कार्मिकों के सात साल बीत गए और वो एक ही जगह पर जमे हुए हैं।
यह भी पढ़े: पुलिस की बड़ी कार्रवाई, सलमान खान और जीशान सिद्दीकी को धमकी देने वाला नोएडा से गिरफ्तार
बांसी ब्लॉक में ऐसे कार्मिकों की लम्बी फेहरिस्त है जो लम्बे वक्त से एक ही जगह पर हैं औऱ अपने सरपरस्तों की सरपरस्ती में मलाई काट रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा विगत मार्च माह में तीन साल से अधिक समय से एक ही ब्लॉक में कार्यरत पंचायत सचिवों को हटाये जाने का आदेश जारी किया गया था, परन्तु जिम्मेदारों द्वारा उस पर भी अमल नहीं किया गया है।
मामले पर अधिकारी दे रहे जांच का लॉलीपाप
बांसी ब्लॉक (Siddharthnagar) में ही एक सचिव हैं परशुराम मणि त्रिपाठी, जिनके बारे में बताया जाता है कि वो बड़े अधिकारियों के बेहद खास हैं। यही वजह है कि वो भी लगातार सात साल से एक ही जगह पर डटे हुए हैं। इस मामले में जब मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो सीडीओ जयंद्र कुमार ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक एक ब्लॉक में एक पंचायत सचिव तीन साल से ज्यादा वर्ष तक तैनात नहीं रह सकता। सीडीओ ने पंचायत सचिव की जांच कराने का आश्वासन भी दिया है।