हेमपुर ओवरब्रिज पर हुई पत्रकार राघवेंद्र की हत्या का पर्दाफाश, मंदिर के पुजारी निकले साजिशकर्ता

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या का मामला अब सुलझ गया है। 34 दिन बाद पुलिस ने खुलासा किया कि मंदिर के पुजारी ने नाबालिग से कुकर्म का भंडाफोड़ रोकने के लिए राघवेंद्र की सुपारी देकर हत्या करवाई थी।

Sitapur

Sitapur journalist murder: सीतापुर जिले में 8 मार्च 2025 को हुई पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या का सनसनीखेज खुलासा 34 दिन बाद 10 अप्रैल को  पुलिस ने किया। महोली तहसील के दैनिक जागरण संवाददाता राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर हेमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास ओवरब्रिज से गुजर रहे थे। इस मामले में पुलिस जांच ने चौंकाने वाला मोड़ लिया, जब पता चला कि हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद उर्फ विकास राठौर ने रची थी। वजह और भी चौंकाने वाली थी—राघवेंद्र ने पुजारी को मंदिर में नाबालिग लड़के के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था और वह इस मामले को उजागर करने वाले थे। इसी डर से पुजारी ने चार शूटरों को सुपारी देकर हत्या करवा दी।

पुजारी की करतूत छिपाने के लिए की गई हत्या

महोली तहसील Sitapur में सक्रिय पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई को निडर और बेबाक पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने पहले भी कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था, जिसमें धान खरीद घोटाला और जमीन की फर्जी रजिस्ट्री शामिल थी। लेकिन इस बार उनका सामना एक ऐसे मामले से हुआ, जिसने उनकी जान ले ली। Sitapur पुलिस के अनुसार, राघवेंद्र ने कारेदेव बाबा मंदिर में पुजारी शिवानंद को एक नाबालिग लड़के के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था और इस घटना की रिपोर्टिंग करने की योजना बना ली थी। इस डर से कि मामला उजागर होने पर न केवल उनकी समाज में बदनामी होगी बल्कि वे जेल भी जा सकते हैं, पुजारी ने एक जघन्य साजिश रची।

चार शूटर, पेशेवर अंदाज में हत्या

पुजारी ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए चार भाड़े के शूटरों की मदद ली। इनमें से दो की पहचान मिश्रिख के अटवा गांव के रहने वालों के रूप में हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक राघवेंद्र को 315 और 311 बोर की चार गोलियां मारी गईं, जिससे यह साफ होता है कि हमला पूरी तरह योजनाबद्ध और पेशेवर अंदाज में किया गया था। पुलिस ने पुजारी शिवानंद और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो शूटर अब भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए Sitapur क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की दस टीमें नोएडा और अन्य जगहों पर दबिश दे रही हैं। फरार शूटरों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

पत्रकार समुदाय में आक्रोश, परिवार को मिला आश्वासन

राघवेंद्र की हत्या के बाद पत्रकार संगठनों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किए। परिवार ने जब तक न्याय की गारंटी और मुआवजे की मांग नहीं मानी गई, तब तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। प्रशासन के आश्वासन के बाद 9 मार्च को नेमिषारण्य के बरगदिया घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। इस घटना ने न सिर्फ पत्रकारों की सुरक्षा बल्कि धार्मिक स्थानों की पवित्रता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच अब भी जारी है और जल्द ही पूरे षड्यंत्र की परतें पूरी तरह उजागर हो जाएंगी।

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