SRMU मामला: सीएम योगी ने लिया संज्ञान, IG अयोध्या करेंगे जांच, सीओ निलंबित, कोतवाल-चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

बाराबंकी की श्रीरामस्वरूप यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर सीएम योगी ने सख्त रुख अपनाया है। सीओ निलंबित, कोतवाल-चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, वहीं IG अयोध्या प्रवीण कुमार जांच करेंगे।

SRMU

SRMU lathicharge: बाराबंकी स्थित श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में छात्रों के आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। सीएम के निर्देश पर सीओ सिटी हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया गया है, वहीं नगर कोतवाल राम किशुन राना और चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह समेत गदिया पुलिस चौकी के सभी कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अयोध्या मंडलायुक्त को विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता की जांच के आदेश दिए हैं और छात्रों पर हुई कार्रवाई की जांच IG अयोध्या प्रवीण कुमार को सौंपी गई है।

लाठीचार्ज पर सीएम की सख्ती

बाराबंकी की श्रीरामस्वरूप यूनिवर्सिटी SRMU में सोमवार, 1 सितंबर को छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय में बिना मान्यता के विधि पाठ्यक्रम चलाए जाने के आरोपों को लेकर हो रहा था। छात्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे कोर्स में दाखिला दिया गया, जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता नहीं मिली है। इस घटना में कई छात्र घायल हुए, जिन्हें मेयो अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी छात्रों पर लाठीचार्ज करते नजर आ रहे हैं, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन का पक्ष

पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि SRMU प्रशासन और छात्रों के बीच झड़प होने से हालात बिगड़ गए थे। पुलिस के अनुसार छात्रों ने पास की पुलिस चौकी और परिसर में तोड़फोड़ की, जिसके बाद भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के आरोपों को खारिज किया है। रजिस्ट्रार प्रो. नीरजा जिंदल ने दावा किया कि विश्वविद्यालय के विधि पाठ्यक्रम को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की पूरी मान्यता प्राप्त है और मान्यता दस्तावेज 2022-23 के लिए बीसीआई की वेबसाइट पर अपलोड हैं।

एबीवीपी का विरोध और बढ़ता दबाव

इस पूरे मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भी सक्रिय हो गई है। एबीवीपी के पदाधिकारी आकाश शुक्ला ने आरोप लगाया कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे छात्रों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा। घटना के विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार रात विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ शशांक त्रिपाठी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया, पुतला दहन किया और पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक मार्च निकाला। परिषद के अवध प्रांत सचिव पुष्पेंद्र बाजपेयी ने चेतावनी दी कि विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक विश्वविद्यालय के कुलपति छात्रों से बातचीत नहीं करते, निष्कासित छात्रों को बहाल नहीं किया जाता और लॉ डिग्री की मान्यता को लेकर स्पष्ट स्थिति नहीं बनाई जाती।

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