राज्यसथान में विधानसभा चुनावों में अब कम समय बाकी रहे गया है। राजनीति में सियासी हलचलें तेज होती जा रही है। वहीं कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढा ने अपने एक बयान में लाल डायरी की चर्चा करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा था। जिसके बाद से ही बीजेपी ने लाल डायरी को अपना हथियार बना लिया है। वहीं केंद्र सरकार के मंत्री इसपर गरमाए हुए है। जिसे लेकर गुरूवार को दिल्ली में बीडेपी प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।
क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी ?
बीजेपी के प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर हमला बोलेते हुए कहा कि इस घटना के बाद कांग्रेस के नेताओं को शर्म से लाल हो जाना चाहिए, लेकिन अफसोस की बात यह है कि निर्लज्जता के साथ कांग्रेस और राजस्थान सरकार इन चीजों को नजरअंदाज कर रही है। साथ ही कहा कि ‘लाल डायरी’ कांग्रेस की राजस्थान सरकार के लिए बोफोर्स कांड जैसा साबित होगी देख लेना। प्रवक्ता ने आगे कहा कि राज्यसथान में रोजाना भ्रष्टाचार और महिलाओं के साथ दुष्कर्म होना ये सभ बेहद शर्मशार कर देने वाली घटनाएं है और बार-बार उभर कर आ रहे राज्यसथान के कारनामों में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है। ये काला अध्याय लाल डायर से संबिधत है। इसेक काले पन्ने भी एक-एक करके सामने आने लगे हैं।
कैसे शुरू हुई लाल डायरी की ये जंग
दरअसल राज्यसथान सरकार ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया था । जिसके बाद बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह के पक्ष में संदन में बोल रहे केंद्रीय जलशक्त्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा में गहलोत सरकार पर जमकर हमला बेलते हुए कहा कि लाल डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि सभी कांग्रेस के विधायकों में उस लाल डायरी को छीनेने की होड़ लगी हुई है। उससे लगता है कि उस लाल डायरी में लाल नहीं काला तो जरूर है। आज मैं गहलोत साब से यह प्रश्न पूछना चाहता हूं कि आपने क्यों राजेन्द्र गुढ़ा जी को वहां भेजकर जबरन लाल डायरी मंगवाई? क्या राजस्थान की गरीब जनता की भलाई के लिए चलाई गई योजनाओं से लूटे गए पैसों का उसमें हिसाब था? उन पैसों का कब, कहां और कौन उपयोग कर रहा था? कौन गुलछर्रे उड़ा रहा था? कौन अपनी राजनीतिक आंकाक्षओं की पूर्ति के लिए उपयोग कर रहा था? किसने कहां प्रॉपर्टी बनाई? क्या इन सबकी जानकारी उसमें थी? गुढ़ा जी ने कहा था कि डायरी में 500 करोड़ का हिसाब था।