सवायजपुर के विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू के प्रयासों से संवरेंगे 5 दर्जन गांव। जिसके चलते तकरीबन 5 दर्जन गांवों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हो सकेंगे। विधायक रानू के प्रस्तावों को शासन की हरी झंडी मिल गई। जिसमें तकरीबन 2016 लाख की लागत की 4 बाढ़ सुरक्षा परियोजना स्वीकृत की गई है।
प्रतिवर्ष बाढ़ से सैकड़ों गांवों में जन धन की हानि होती
उत्तर प्रदेश के हरदोई से विकास को लेकर लगातार काम किया जा रहा। बता दें कि हरदोई के सवायजपुर विधानसभा जो की पांच बड़ी और कई छोटी नदियों से घिरा हुआ एक क्षेत्र है। नदियों से घिरे इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ से सैकड़ों गांवों में जन धन की हानि होती है। जिसको लेकर अब सवायजपुर के विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू के प्रयासों से बड़ा विकास होने जा रहा है। बताते चलें कि तकरीबन 5 दर्जन गांवों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम इसके अन्दर हो सकेंगे। विधायक रानू के प्रस्तावों को शासन की हरी झंडी मिल गई है। जिसमें तकरीबन 2016 लाख की लागत की 4 बाढ़ सुरक्षा परियोजना स्वीकृत हो गई है।

सरकार से बाढ़ सुरक्षा परियोजना को स्वीकृति मिली
सवायजपुर विधानसभा के भरखनी, हरपालपुर और सांडी ब्लॉक के तकरीबन 1 सैकड़ा गांवों में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से हजारों बीघे खेती बर्बाद हो जाती है। इन गांवों की सूरत सुधारने के लिए विधायक रानू ने शासन को प्रस्ताव भेजे थे। जिन पर उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी समिति ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में आहूत परिषद की बैठक में सवायजपुर विधानसभा के अंतर्गत रामगंगा नदी के किनारे पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले संवेदनशील गांव रवियापुर, दुर्जना और बारी के आसपास बाढ़ सुरक्षा हेतु 454.60 लाख की परियोजना तो गंगा नदी के आसपास तेरवाकुल्ली, देवीपुरवा आदि गांवों में 661.96 लाख की परियोजना, गर्रा नदी के किनारे स्थित पाली नगर पंचायत, अतर्जी की 554.77 लाख की परियोजना और गर्रा नदी पर ही कहारकोला,बाबरपुर, मिरकापुर आदि गांवों में 345.00 लाख की बाढ़ सुरक्षा परियोजना को स्वीकृति मिली है।
प्रतिवर्ष बाढ़ से कई गावों का संपर्क मुख्यालय से टूट जाता
बताते चलें कि सवायजपुर विधानसभा के क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ आने पर कई गांवों की खेती पानी में समा जाती रही है, जिससे हर वर्ष वहां के लोगो को जन धन की व्यापक हानि होती है। बाढ़ के चलते कई मार्ग कट जाते है और कई गावों का संपर्क मुख्यालय से टूट जाता था। इन परियोजनाओं की स्वीकृति के बाद क्षेत्र में विकास के कार्यों को गति मिलेगी। साथ ही हर वर्ष आने वाली बाढ़ से होने वाली घटनाओं पर भी रोक लगेगी।